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तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर भारत, नीति आयोग की 10वीं बैठक में जाने क्या-क्या हुआ?

25 मई 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक आयोजित की गई. जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. इस बैठक का मुख्य थीम था ‘विकसित राज्य के लिए विकसित भारत @2047’. बैठक में भारत को 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की रणनीतियों पर गहन विचार-विमर्श हुआ.

NITI Aayog
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  • Last Updated: May 24, 2025 22:44:47 IST

NITI Aayog: 25 मई 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक आयोजित की गई. जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. इस बैठक का मुख्य थीम था ‘विकसित राज्य के लिए विकसित भारत @2047’. बैठक में भारत को 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की रणनीतियों पर गहन विचार-विमर्श हुआ. नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रमण्यम ने कहा भारत इस समय एक टेक-ऑफ मोमेंट में है. हम न केवल जनसंख्या के मामले में सबसे बड़े देश हैं बल्कि पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी हैं. अगले कुछ वर्षों में हम तीसरे स्थान पर पहुंच जाएंगे.

भारत की आर्थिक प्रगति का रोडमैप

बैठक में भारत की आर्थिक प्रगति को गति देने के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई. नीति आयोग ने भारत को 2027-28 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है जो जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देगा. सुब्रमण्यम ने बताया वर्तमान में भारत की अर्थव्यवस्था 4.3 ट्रिलियन डॉलर की है. अगले साल हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे और उसके अगले साल तीसरी. इसके लिए सरकार की नीतिगत स्थिरता, बुनियादी ढांचे का विकास और हरित ऊर्जा पर जोर जैसे कदमों को रेखांकित किया गया.

मुख्य रणनीतियां और पहल

सहकारी संघवाद और विकसित भारत: प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाने और नीतिगत स्पष्टता लाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, “विकसित भारत हर भारतीय का लक्ष्य है. जब हर राज्य विकसित होगा तो भारत विकसित होगा. यह 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षा है.”

डिजिटल और तकनीकी प्रगति: भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आधार, यूपीआई और डिजिटल इंडिया जैसी पहलों पर जोर दिया गया. भारत का 850 मिलियन इंटरनेट यूजर्स का आधार इसे फिनटेक और ई-कॉमर्स में वैश्विक नेता बना रहा है.

इन्फ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग: भारत माला, सागरमाला और गति शक्ति जैसी योजनाएं लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मदद कर रही हैं. मेक इन इंडिया और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाएं मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दे रही हैं.

हरित और टिकाऊ विकास: भारत का ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और 2030 तक 50% बिजली नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करने का लक्ष्य वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने में अहम है. नीति आयोग के सीईओ ने कहा, “हम अपनी क्षमता का केवल 10% उपयोग कर रहे हैं. हमें हरित और टिकाऊ भारत बनाना होगा.”

सामाजिक समावेशन: नीति आयोग ने समाज के उन वर्गों पर विशेष ध्यान देने की बात कही, जो आर्थिक प्रगति से वंचित रह सकते हैं. 2014 से 2023 के बीच 25 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं और गरीबी दर 29.5% से घटकर 17.5% हो गई है.

महिलाओं का सशक्तिकरण और स्किल डेवलपमेंट

बैठक में महिलाओं की कार्यबल भागीदारी बढ़ाने और स्किल डेवलपमेंट पर विशेष जोर दिया गया. भारत की महिला श्रम बल भागीदारी दर 24.1% है जो अन्य देशों की तुलना में कम है. इसे बढ़ाने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप और स्किलिंग प्रोग्राम्स को लागू करने की योजना है. साथ ही 112 महत्वाकांक्षी जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया.

वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका

बैठक में भारत की वैश्विक आर्थिक भूमिका पर भी चर्चा हुई. भारत की जी20 अध्यक्षता और डिजिटल नवाचारों ने इसे वैश्विक मंच पर एक मजबूत स्थिति दी है. सुब्रमण्यम ने कहा, “भारत वैश्विक आर्थिक वृद्धि में 20% का योगदान दे रहा है और यह हिस्सेदारी अगले कुछ वर्षों में और बढ़ेगी.”

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