India Stand on Israel-Gaza Conflicts: यहूदी देश इजरायल और गाजा के बीच लंबे समय से संघर्ष चल रहा है। इजरायल लगातार गाजा पट्टी पर हमला कर रहा है। वहीं, दुनिया के कई देशों के साथ संयुक्त राष्ट्र भी इन दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने गाजा और इजरायल के बीच शांति स्थापित करने के लिए प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है।
यूएनजीए के इस प्रस्ताव के समर्थन में दुनिया के 149 देशों ने मतदान किया है, जबकि भारत उन 19 देशों में से एक है, जिन्होंने प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया। हालांकि, भारत की मूल विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने गाजा को लेकर भारत सरकार के इस रुख को लेकर सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा, पवन खेड़ा, केसी वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई और इस कदम को देश की नैतिक कूटनीति और शांति व न्याय का समर्थन करने की नीति के लिए खतरा बताया।
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार (14 जून) को ट्वीट कर कहा कि भारत की विदेश नीति अब बिगड़ चुकी है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी को अपने विदेश मंत्री द्वारा बार-बार की गई गलतियों पर ध्यान देना चाहिए और इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “दुनिया के 149 देशों ने गाजा में युद्ध विराम स्थापित करने के लिए यूएनजीए के प्रस्ताव पर मतदान किया है, लेकिन भारत अब इस प्रस्ताव पर मतदान न करके अलग-थलग पड़ गया है। क्योंकि भारत उन 19 देशों में शामिल है, जिन्होंने खुद को मतदान से दूर रखा है।”
इस बीच, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भारत सरकार के इस फैसले को शर्मनाक और निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम उपनिवेशवाद विरोधी विरासत के विपरीत है। उन्होंने कहा, “दरअसल, जब नेतन्याहू किसी देश को पूरी तरह से तबाह करने में लगे हैं, तो हम न केवल इस पर चुप हैं, बल्कि इसका जश्न भी मना रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “इजरायली हमलों में अब तक 60 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। लेकिन हम इस पर चुप हैं।”