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भारत को 15 अगस्त नहीं, इस दिन मिलने वाली थी आजादी, जानें कैसे हुई तारीख बदलने की कहानी

भारत में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत को 15 अगस्त से पहले

India was going to get independence on this day not on 15 August
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  • Last Updated: August 13, 2024 22:30:59 IST

नई दिल्ली: भारत में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत को 15 अगस्त से पहले ही आजादी मिलने वाली थी? आइए जानते हैं कि आखिर क्यों देरी हुई और क्या है इसके पीछे की कहानी।

पहले 26 जनवरी को मनाया जाता था स्वतंत्रता दिवस

आपको जानकर हैरानी होगी कि 15 अगस्त से पहले, भारत में 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाने की परंपरा थी। यह सिलसिला 18 सालों तक चला। इसकी शुरुआत 1929 में लाहौर में हुई थी, जब महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और अन्य नेताओं ने कांग्रेस अधिवेशन में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था।

कांग्रेस का ऐलान, 26 जनवरी को होगा पूर्ण स्वराज दिवस

1929 के लाहौर अधिवेशन में, पंडित नेहरू ने एक प्रस्ताव रखा कि अगर अंग्रेजी शासकों ने 26 जनवरी, 1930 तक भारत को उसका हक नहीं दिया, तो भारत खुद को स्वतंत्र घोषित कर लेगा। इसी दिन को पूर्ण स्वराज दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया। 26 जनवरी 1930 को, पूरे देश में पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया, जिसमें महात्मा गांधी ने भी भाग लिया और पंडित नेहरू ने तिरंगा फहराया।

 15 अगस्त को क्यों मनाया जाने लगा स्वतंत्रता दिवस

जब 1947 में भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ, तो उस समय लार्ड माउंटबेटन वायसराय और गवर्नर-जनरल थे। माउंटबेटन का मानना था कि 15 अगस्त की तारीख उनके लिए भाग्यशाली है। यह वह दिन था जब 1945 में जापानी सेना ने आत्मसमर्पण किया था, और माउंटबेटन उस समय अलाइड फोर्सेज के कमांडर थे। इस जीत के बाद, माउंटबेटन ने भारत की आजादी के लिए 15 अगस्त की तारीख चुनी, और इसी दिन आधी रात को देश को आजादी मिली।

15 अगस्त 1947 का दिन भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। लेकिन इसके पीछे की कहानी हमें याद दिलाती है कि स्वतंत्रता की लड़ाई कितनी लंबी और कठिन थी। भारतवासियों का संकल्प और धैर्य ही था जिसने अंततः 15 अगस्त को हमारी आजादी का दिन बना दिया।

 

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