India’s New High Tech Weapon : दुनिया में इस वक्त जैसे हालात हो रके हैं उसको देखते हुए भारत भी तेजी से अपनी सेना को एडवांस कर रहा है। तेजी से आधुनिक टेक्नोलॉजी को भारतीय सेना में शामिल किया जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाक को करारा जवाब देते हुए पूरी दुनिया को अपनी ताकत दिखा दी है। वैसे तो भारत के दोनों तरफ दुश्मन हैं। अपनी सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए सेना ने अपने बेड़े में ‘रोबोटिक म्यूल’ को शामिल किया है।
जानकारी के लिए बता दें कि यह कोई आम मशीन नहीं बल्कि एक ऐसा रोबोट है जो बिना किसी मानव सहायता के निगरानी करने, दुश्मनों की पहचान करने और ज़रूरत पड़ने पर उन पर हमला करने की क्षमता रखता है।
भारतीय सेना ने इन ‘रोबोटिक म्यूल’ को चीन और पाकिस्तान जैसी संवेदनशील सीमाओं पर तैनात किया है। यह न केवल दुर्गम इलाकों में पहुंच सकता है बल्कि गोपनीय सैन्य मिशनों में भी बड़ी भूमिका निभा सकता है। इनके आने के बाद से अब सेना को बेहद खतरनाक क्षेत्रों में जवानों को भेजने की जरूरत कम होगी। इसके अलावा ये दुर्गम इलाकों में जाकर दुश्मन की स्थिति की सटीक जानकारी दे सकता है और कार्रवाई भी कर सकता है। इससे जवानों की जान जोखिम में डालने की जरूरत नहीं रहेगी।
इस रोबोटिक खच्चर में कई तरह के हथियार फिट किए जा सकते हैं जैसे AK-47, INSAS, LMG, स्नाइपर राइफल या टैवर। इसके अलावा यह 12 से 15 किलोग्राम का सैन्य पेलोड ले जा सकता है, जो इसे लॉजिस्टिक सपोर्ट में भी मददगार बनाता है।
यह रोबोट न केवल समतल सड़कों पर बल्कि पहाड़ी, रेतीले, बर्फ से ढके इलाकों और सीढ़ियों पर भी आसानी से चल सकता है। इसकी खासियत यह भी है कि यह पानी में चलने और छोटे-छोटे नालों को पार करने में भी सक्षम है। यह 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लगातार 3.5 घंटे तक चल सकता है और सिर्फ एक घंटे में पूरी तरह चार्ज हो जाता है। इसकी बैटरी 21 घंटे तक चलने की क्षमता रखती है, जो इसे लंबे मिशन के लिए आदर्श बनाती है।
यह खच्चर 5 थर्मल कैमरे और कई एडवांस सेंसर से लैस है। इसकी निगरानी क्षमता 360 डिग्री तक है। इसमें इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स और इंफ्रारेड तकनीक है, जो दुश्मन या किसी भी वस्तु की पहचान करने में मदद करती है। इसका वजन करीब 51 किलोग्राम है। लंबाई 37.5 इंच, ऊंचाई 27 इंच और चौड़ाई 10 इंच है यानी काफी कॉम्पैक्ट और पोर्टेबल।
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