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Indian Organization: भारतीय कंपनियों का राजस्व दूसरी तिमाही में 8-10 प्रतिशत रहने का अनुमान

मुंबई: भारतीय कंपनी जगत का राजस्व जुलाई-सितंबर तिमाही में 8-10 प्रतिशत बढ़ने के साथ ही उनका परिचालन लाभ मार्जिन भी बेहतर होने का अनुमान है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने 13 अक्टूबर के एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है। इस रिपोर्ट के अनुसार सितंबर तिमाही बीती 4 तिमाहियों में पहली बार राजस्व वृद्धि हासिल करने […]

Rating Agency CRISIL
inkhbar News
  • Last Updated: October 15, 2023 10:31:54 IST

मुंबई: भारतीय कंपनी जगत का राजस्व जुलाई-सितंबर तिमाही में 8-10 प्रतिशत बढ़ने के साथ ही उनका परिचालन लाभ मार्जिन भी बेहतर होने का अनुमान है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने 13 अक्टूबर के एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है।

इस रिपोर्ट के अनुसार सितंबर तिमाही बीती 4 तिमाहियों में पहली बार राजस्व वृद्धि हासिल करने की स्थिति में रहेगी. इस तेजी में वाहन निर्माण एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा क्षेत्रों की कंपनियों की अहम भूमिका रहने का अनुमान है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2023) में भारतीय कंपनियों की राजस्व वृद्धि सालाना आधार पर 7 प्रतिशत रही थी। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि उसका यह आकलन बैंक एवं तेल क्षेत्रों से इतर की तीन सौ कंपनियों के विश्लेषण पर आधारित है।

अनिकेत दानी ने क्या कहा?

क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के निदेशक (शोध) अनिकेत दानी ने कहा कि राजस्व में वृद्धि काफी हद तक उपभोक्ताओं की चाहत से जुड़े उत्पादों एवं सेवाओं पर आधारित रही है. इसमें वाहन एवं खुदरा क्षेत्र सबसे आगे रहे और निर्माण से जुड़े क्षेत्रों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है. हालांकि रिपोर्ट कहती है कि कृषि से जुड़े क्षेत्रों रसायन, एल्युमिनियम, मसलन और उर्वरक जैसे क्षेत्रों में गिरावट नहीं रहने पर स्थिति और भी बेहतर रहती है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि कंपनियों के कुल राजस्व में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले 9 क्षेत्र इस तिमाही में राजस्व वृद्धि दर्ज करेंगे।

अप्रैल-जून तिमाही के 20.5 प्रतिशत की तुलना में आ सकती है मामूली गिरावट

इसके साथ ही रिपोर्ट कहती है कि भारतीय कंपनियों का परिचालन लाभ मार्जिन भी आलोच्य तिमाही में बढ़कर 20 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है, जबकि यह 2022 के जुलाई-सितंबर में 17.2 प्रतिशत पर था. हालांकि अप्रैल-जून तिमाही के 20.5 प्रतिशत की तुलना में लाभ मार्जिन में मामूली गिरावट आ सकती है।

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