Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है. इस बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी के भड़काऊ बयान ने भारत में आक्रोश पैदा कर दिया है. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बिलावल पर पलटवार करते हुए कहा ‘वो कह रहा है कि पानी नहीं देंगे तो खून बहा देगा. उससे कहिए कि अपना खून बहाकर कहीं छलांग मार ले. पानी नहीं मिलेगा तो कहां छलांग मारेगा? छोड़िए बेवकूफ आदमी है.

बिलावल का उकसावे वाला बयान

सिंधु नदी के किनारे एक रैली में बिलावल भुट्टो ने भारत को धमकी देते हुए कहा ‘मैं सिंधु दरिया के पास खड़े होकर कहता हूं कि सिंधु हमारा है और रहेगा. या तो इस नदी से हमारा पानी बहेगा, या उनका खून बहेगा.’ इस बयान की भारत ने कड़ी निंदा की है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा ‘हम पाकिस्तान की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं. पाकिस्तान के पास आतंक फैलाने के अलावा कोई प्राथमिकता नहीं है. यह एक हताश देश है.’

आतंक की साजिश

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान गई और 17 लोग घायल हुए. आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया और जंगल की ओर भाग गए. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने ली. जिसे लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी माना जाता है. हरदीप पुरी ने इसे क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद करार देते हुए कहा ‘पाकिस्तान को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी. अभी तो शुरुआत है.’ उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तानी नेताओं के बयान उनकी संलिप्तता को उजागर करते हैं.

भारत की सख्त कार्रवाई

हमले के बाद भारत ने कई निर्णायक कदम उठाए-

सिंधु जल संधि निलंबित- 1960 की संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया. जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता.
वाघा-अटारी सीमा बंद- दोनों देशों के बीच सड़क मार्ग से आवागमन और व्यापार ठप.
पाकिस्तानी वीजा रद्द- सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश.
राजनयिक संबंधों में कटौती- पाकिस्तानी उच्चायोग के सैन्य सलाहकारों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया गया और दोनों देशों के उच्चायोगों में स्टाफ की संख्या 55 से घटाकर 30 की गई.
सुरक्षा अभियान- कश्मीर में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू, दो संदिग्ध आतंकियों के घर ध्वस्त.

पहलगाम हमले की विश्व भर में निंदा हो रही है. संयुक्त राष्ट्र ने इसे ‘नृशंस’ करार दिया. जबकि अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पाकिस्तान की नीतियां वैश्विक शांति के लिए खतरा हैं. दूसरी ओर पाकिस्तान ने हमले की ‘निष्पक्ष जांच’ की पेशकश की जिसे भारत ने खारिज कर दिया.

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