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यूपी के मुख्यमंत्री बने होते तो बच सकती थी संजय गांधी की जान

आज अगर वरुण गांधी के लिए मेनका यूपी सीएम की कुर्सी मांगती है तो उसके पीछे संजय और मेनका की यूपी से जुड़ी पुरानी महत्वाकांक्षाएं हैं. दरअसल 1980 में यूपी कांग्रेस विधायक दल ने संजय गांधी को नेता चुन लिया और इंदिरा से अपील की उसे यूपी का सीएम अपॉइंट कर दिया जाए, संजय को सारे दोस्तों नेताओं ने बधाइयां भी देनी शुरू कर दीं.

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  • Last Updated: November 14, 2017 22:34:28 IST

नई दिल्लीः आज अगर वरुण गांधी के लिए मेनका यूपी सीएम की कुर्सी मांगती है तो उसके पीछे संजय और मेनका की यूपी से जुड़ी पुरानी महत्वाकांक्षाएं हैं. दरअसल 1980 में यूपी कांग्रेस विधायक दल ने संजय गांधी को नेता चुन लिया और इंदिरा से अपील की उसे यूपी का सीएम अपॉइंट कर दिया जाए, संजय को सारे दोस्तों नेताओं ने बधाइयां भी देनी शुरू कर दीं.
संजय को सीएम बनाने के कैम्पेन के पीछे थे संजय के दोस्त और एक पूर्व आईपीएस के बेटे अकबर अहमद डम्पी जो संजय के कहने पर विदेश में सीए की जॉब छोड़कर आए थे.

लेकिन इंदिरा नहीं चाहती थीं कि वो बिना किसी एक्सपीरियंस के चीफ मिनिस्टर की पोस्ट संभाले, इसलिए संजय को मना करके वीपी सिंह को सीएम बना दिया और संजय को एआईसीसी का सेक्रेटरी. संजय ने एकबारगी विद्रोह ही कर दिया था, लेकिन बाद में मान गए. संजय की मौत के बाद ऐसा ही कैम्पेन संजय विचार मंच बनाकर अकबर ने मेनका के लिए शुरू किया था। इंदिरा ने मेनका को भी काफी रोका तो मेनका बिना इंदिरा को बताए लखनऊ मीटिंग के लिए निकल गईं। जिससे बाद में दोनों के बीच काफी झगड़ा हुआ था। लेकिन लोगों ने बाद में कहा कि अगर इंदिरा संजय को यूपी चले जाने देतीं तो उनके पास प्लेन उड़ाने की फुरसत नहीं होती और वो बच जाते। अगर आप जानना चाहते है कि इंदिरा गांधी ओपन कार में सफर करते वक्त पथराव से बचने के लिए क्या लेकर चलती थीं, जानने के लिए देखिए हमारे ये शो विष्णु शर्मा के साथ

जब इंदिरा गांधी ने कहा हथकड़ी के बिना जेल नहीं जाउंगी

 

 

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