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भारतीय नौसेना में शामिल होगा समुद्र का खूंखार राजा ‘अर्णाला’, ताकत और फीचर जान चीन-पाकिस्तान के उड़ जाएंगे होश

INS Arnala Strength and Features: 18 जून 2025 को भारतीय नौसेना में पहला पनडुब्बी रोधी शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) ‘अर्णाला’ शामिल किया जाएगा। यह समारोह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की मौजूदगी में विशाखापत्तनम नौसेना डॉकयार्ड में आयोजित किया जाएगा। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, यह युद्धपोत आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक […]

INS Arnala Strength and Features (INS अर्णाला की खासियत और ताकत)
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  • Last Updated: June 18, 2025 14:52:17 IST

INS Arnala Strength and Features: 18 जून 2025 को भारतीय नौसेना में पहला पनडुब्बी रोधी शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) ‘अर्णाला’ शामिल किया जाएगा। यह समारोह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की मौजूदगी में विशाखापत्तनम नौसेना डॉकयार्ड में आयोजित किया जाएगा। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, यह युद्धपोत आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है। यह भारत की समुद्री शक्ति को बढ़ाएगा। ‘अर्णाला’ भारतीय नौसेना का पहला पनडुब्बी रोधी युद्धपोत है, जो 16 ASW-SWC जहाजों की श्रृंखला का हिस्सा है। कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) और L&T शिपबिल्डर्स ने इस युद्धपोत को मिलकर बनाया है।

क्या है इसकी खासियत?

जानकारी के अनुसार, इस जहाज की लंबाई 77 मीटर है और अगर इसके वजन की बात करें तो यह 1,490 टन से अधिक है।  तो वहीं इस जहाज का इंजन डीजल इंजन और वॉटरजेट का अनूठा संयोजन है, जो इसे भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा युद्धपोत बनाता है। यह एक कोरवेट श्रेणी का युद्धपोत है। यह अधिकतम 46 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगा। इसे नौसेना में शामिल करने की तारीख भी सामने आ गई है। बताया जा रहा है कि, इसे 8 मई 2025 को नौसेना को सौंप दिया जाएगा। इस युद्धपोत का 80% से अधिक भाग भारत में बना है।

अर्णाला को तटीय क्षेत्रों में पनडुब्बियों का पता लगाने और उनसे लड़ने के लिए डिजाइन किया गया है। आपको बतातें चलें कि, अर्णाला पनडुब्बियों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम है। इसे समुद्र में फंसे लोगों को बचाने के लिए तैयार। ये छोटे समुद्री खतरों से निपटने में सक्षम है। इसमें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), एलएंडटी, महिंद्रा डिफेंस और एमईआईएल जैसी भारतीय कंपनियों के हथियार और सेंसर लगाए गए हैं। मजबूत पतवार, जो समुद्री चुनौतियों का सामना कर सकती है। अत्याधुनिक तोपें और सेंसर, जो पुराने किलों की तोपों की तरह काम करते हैं।

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क्या है इसकी रेंज?

इसकी रेंज 3300 किलोमीटर है। इस युद्धपोत पर 7 अधिकारियों सहित 57 नौसैनिक तैनात किए जा सकते हैं। यह ASW कॉम्बैट सूट से लैस है, जो दुश्मन के हमलों से टकराने के लिए हथियार तैयार करेगा। यह उन पर नजर रखेगा। इस पर चार तरह के मैनेजमेंट सिस्टम लगाए गए हैं, जो युद्ध के दौरान युद्धपोत को सुरक्षित रखने में मदद करेंगे। इस युद्धपोत पर RBU-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर लगा होगा। यह 213 एमएम का एंटी-सबमरीन रॉकेट सिस्टम है, जो दुश्मन की पनडुब्बियों पर रॉकेट दागता है। इसके अलावा इस पर 6 हल्के वजन वाले ASW टॉरपीडो लगाए जाएंगे। इसमें एंटी-सबमरीन समुद्री माइंस भी होंगी।

अर्णाला में होगी 30 एमएम की CRN-91 नेवल गन

INS अर्णाला में 30 एमएम की CRN-91 नेवल गन होगी। यह एक ऑटोमैटिक गन है, जो हर मिनट 550 गोलियां दाग सकती है। यानी दुश्मन का जहाज गोलियों से छलनी हो जाएगा। इसकी रेंज 4 किलोमीटर है। इसके अलावा 2 OFT 12.7 mm M2 स्टेबलाइज्ड रिमोट कंट्रोल्ड गन लगाई जाएंगी। यह जल जेट प्रणोदन प्रणाली से लैस भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा युद्धपोत होगा।

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