Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • ईरान के राष्ट्रपति ने चाबहार बंदरगाह का किया उद्घाटन, पाक-चीन को मिला करारा जवाब

ईरान के राष्ट्रपति ने चाबहार बंदरगाह का किया उद्घाटन, पाक-चीन को मिला करारा जवाब

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ईरान और अफगानिस्तान के बीच चाबहार बंदरगाह का उद्धाटन किया. इस मौके पर भारत की ओर से कैबिनेट मंत्री राधाकृष्णन भी मौजूद रहे. उद्घाटन के सिलसिले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ईरान के विदेश मंत्री जावेद जारीफ के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की थी

Modi-Ruhani
inkhbar News
  • Last Updated: December 3, 2017 20:28:03 IST

नई दिल्लीः ईरान और अफगानिस्तान के बीच चाबहार बंदरगाह का ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने रविवार को उद्घाटन किया. इस मौके पर भारत की ओर से कैबिनेट मंत्री पी राधाकृष्णन मौजूद रहे. बंदरगाह के खुलने से ईरान, अफगानिस्तान समेत पूरे मध्य एशिया, रूस और यूरोप से कारोबार करने के लिए भारत को नया रास्ता मिल गया है. अरब सागर में इस बंदरगाह से ईरान के साथ भारत को भी फायदा होगा. चाहबहार पोर्ट को सामरिक नजरिये से पाकिस्तान और चीन के लिए भारत की तरफ से करारा जबाब माना जा रहा है. बता दें कि उद्घाटन के सिलसिले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ईरान के विदेश मंत्री जावेद जारीफ के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की थी.

चाबहार बंदरगाह बनने के बाद भारत के जहाज सी रूट के रास्ते ईरान में दाखिल हो पाएंगे जिसके जरिए अफगानिस्तान और सेंट्रल एशिया तक के बाजार भारतीय कंपनियों और कारोबारियों के लिए रास्ते खुल जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति हसन रूहानी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच परिवहन और पारगमन गलियारे के रूप इस बंदरगाह को विकसित करने पर चर्चा हुई थी व त्रिपक्षीय समझौता हुआ था. अरब सागर में पाकिस्तान ने ग्वादर पोर्ट के विकास के जरिए चीन के खिलाफ बड़ा सामरिक ठिकाना मुहैया कराना है, लिहाजा चाबहार पोर्ट विकसित हो ही भारत को अफगानिस्तान और ईरान के लिए समुद्री रास्ते से व्यापार-कारोबार बढ़ाने का मौका मिलेगा.

इस पोर्ट के लिए 2003 में ही भारत और ईरान के बीच समझौता हुआ था. मोदी सरकार ने फरवरी 2016 में चाहबहार पोर्ट प्रोजेक्ट के लिए 150 मिलियन डॉलर के क्रेडिट लाइन को हरी झंडी दी थी.
चाबहार पोर्ट प्रोजेक्ट के पहले चरण में भारत 200 मिलियन डॉलर से अधि‍क का निवेश करने जा रहा है. इसमें फरवरी में दिया गया 150 मिलियन डॉलर भी शामिल है. भारत इस प्रोजेक्ट पर 500 मिलियन डॉलर निवेश करेगा.

यह भी पढ़ें- वैश्विक उद्यमिता सम्मेलन 2017 के सफल आयोजन पर संतुष्ट दिखे डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी

यह भी पढ़ें- शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में आतंकवाद पर बोलीं सुषमा स्वराज, इसे किसी धर्म से ना जोड़ें

 

Tags