Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • क्या पृथ्वी पर भी मंडरा रहा खतरा, जानें तारों की दिशा में गड़बड़ी का राज

क्या पृथ्वी पर भी मंडरा रहा खतरा, जानें तारों की दिशा में गड़बड़ी का राज

नई दिल्ली: रात के आसमान में चमकते सितारे हमेशा से इंसानों पर जादू करते आए हैं. हालांकि हाल की एक खोज ने तारों और ग्रहों के संबंधों को लेकर नई जानकारी दी है। बता दें वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे तारे खोजे हैं, जो अपने ही ग्रहों को निगलनी की रुची रखते हैं। यह अद्भुत खोज […]

Earth IN Danger
inkhbar News
  • Last Updated: September 25, 2024 19:33:20 IST

नई दिल्ली: रात के आसमान में चमकते सितारे हमेशा से इंसानों पर जादू करते आए हैं. हालांकि हाल की एक खोज ने तारों और ग्रहों के संबंधों को लेकर नई जानकारी दी है। बता दें वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे तारे खोजे हैं, जो अपने ही ग्रहों को निगलनी की रुची रखते हैं। यह अद्भुत खोज ब्रह्मांड के जटिल रहस्यों को समझने में मदद कर रही है. इसके साथ ही यह सवाल भी उठा रहा है कि क्या पृथ्वी को भी कभी इस तरह के खतरे का सामना करना पड़ सकता है? आइए जानते है.

आखिर तारे अपने ग्रहों को क्यों निगलते हैं

जब एक तारा अपने जीवन के अंतिम चरण में पहुंचता है, तो उसका अधिकांश ईंधन समाप्त हो जाता है। इस स्थिति में तारा सिकुड़ता है और उसका तापमान बढ़ने लगता है। वहीं तारा अपनी बाहरी परतों को अंतरिक्ष में फैलाता है और एक विशालकाय लाल दानव में परिवर्तित हो जाता है। इस प्रक्रिया में तारे की गुरुत्वाकर्षण शक्ति बढ़ जाती है, जिससे उसके पास के ग्रह उसकी ओर खिंचने लगते हैं और अंततः तारे में समा जाते हैं।

पृथ्वी को निगल जाएगा सूर्य?

यह सवाल अक्सर उठता है कि क्या हमारा सूर्य भी एक दिन पृथ्वी को निगल जाएगा। बता दें, वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य अभी अपने जीवन के मध्य में है और अगले 5 अरब साल तक स्थिर रहेगा। इसके बाद वह एक लाल दानव में बदल जाएगा और अपनी बाहरी परतों को अंतरिक्ष में फैलाएगा। इस दौरान बुध और शुक्र ग्रह निश्चित रूप से सूर्य में समा जाएंगे। हालांकि पृथ्वी का भविष्य अभी स्पष्ट नहीं है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी भी सूर्य में समा जाएगी, जबकि कुछ का मानना है कि वह सूर्य से दूर धकेल दी जाएगी।

ग्रह कभी तारे में समा गए

हाल के वर्षों में एस्टॉनोमर्स ने कई ऐसे तारे खोजे हैं, जो अपने ग्रहों को निगल चुके हैं। केपलर स्पेस टेलीस्कोप जैसे उपकरणों से इन तारों के आसपास ग्रहों के अवशेषों की खोज की गई है, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि ये ग्रह कभी तारे में समा गए थे। इस प्रकार की खोजें ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ को और भी गहरा करती हैं. इसके साथ ही यह चेतावनी भी देती हैं कि तारे और ग्रहों का रिश्ता जितना खूबसूरत लगता है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है।

यह भी पढ़ें: बेंगलुरु की महालक्ष्मी को किसने मारा पता चल गया! भाई बोला- इस मुस्लिम शख्स ने ही…