ISRO:
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज अपना पहला छोटा रॉकेट ‘स्माल सैटेलाइट लांच व्हीकल’ को लांच कर दिया। ये रॉकेट सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर लॉन्च किया गया। इस मिशन को SSLV-D1/EOS-02 नाम दिया गया है। इसरो के रॉकेट एसएसएलवी-D1 (SSLV-D1) ने श्रीहरिकोटा के लॉन्च पैड से उड़ान भरी। इस रॉकेट में 500 किलोग्राम तक अधिकतम सामान ले जाने की क्षमता है। ये एक ‘पृथ्वी अवलोकन उपग्रह-02’ (EOS-02) को लेकर जा रहा है, जिसे पहले ‘माइक्रोसेटेलाइट-2 ए'(‘Microsatellite-2A’) के नाम से जाना जाता था। इसका वजन लगभग 142 किलोग्राम है।
कभी भी और कहीं से भी होगा लॉन्च
इसके साथ ही इसे इस तरह तैयार किया गया है कि कभी भी और कहीं से भी लॉन्च किया जा सकता है, फिर चाहे वह ट्रक के पीछे लोड कर प्रक्षेपण करना हो या फिर किसी मोबाइल लॉन्च व्हीकल पर या कोई भी तैयार किया लॉन्च पैड। इसे कहीं से भी लॉन्च किया जा सकता है।
बढ़ेंगे लॉन्च के नंबर, रिवेन्यू में भी फायदा
बता दें कि SSLV के आते ही लॉन्च के नंबर बढ़ेंगे, इसरो पहले से ज्यादा उपग्रह प्रक्षेपित कर पाएगा। जिससे कमर्शियल मार्केट में भी भारत अपनी अलग पहचान बनाएगा। इसके साथ ही रिवेन्यू के लिहाज से भी इससे काफी फायदा होगा। माइक्रो, नैनो या कोई भी 500 किलो से कम वजनी सैटेलाइट भेजे जा सकेंगे। पहले इनके लिए भी पीएसएलवी का ही प्रयोग होता था। अब SSLV, PSLV के मुकाबले सस्ता भी होगा और PSLV पर मौजूदा लोड को कम करेगा।
आजादी सैटेलाइट भी लॉन्च
गौरतलब है कि आजादी सैटेलाइट एसएसएलवी में भारत की बेटियों द्वारा बनाया गया है। 7.5 किलोग्राम के इस सेटेलाइट को देश के अलग-अलग हिस्सों के 75 स्कूल की 750 स्कूली छात्राओं ने मिल कर बनाया है। आजादी के 75वें स्वतंत्रा दिवस पर मनाये जा रहे अमृत महोत्सव के लिये 75 स्कूल की 750 लड़कियां ने इस सैटेलाइट को आजादी की थीम पर निर्मित किया है। इस आजादी सेटेलाइट को लॉन्च होते देखने के लिए सभी 750 बच्चे चेन्नई पहुंचे थे। आज सुबह सभी नन्हे साइंटिस्टों ने श्री हरिकोटा से खुद के बनाये इस आजादी सैटेलाइट को लॉन्च होते हुए देखा।