नई दिल्ली: आजकल शारीरिक संबंध बनाना बहुत आम बात हो गई है. शहर हो या गांव, हर जगह लड़के-लड़कियों में शारीरिक संबंध बनाने की होड़ लगी रहती है. खासतौर पर बड़े शहरों में तो शादी से पहले युवक-युवतियां लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हैं. भारत में एक ऐसा गांव है जहां अविवाहित लड़के-लड़कियों को समाज शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत है. जानें किस गांव में है यह अनोखी परंपरा?
यह परंपरा छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिले में (गोंड और मुरिया) जनजातियों के बीच प्रचलित है. उनकी परंपराएं और रीति-रिवाज बाकी दुनिया से बहुत अलग हैं. भारतीय संस्कृति में डेटिंग और रोमांस जैसी चीजों को निजी माना जाता है और सेक्रेटली किया जाता है. इनके बारे में सार्वजनिक रूप से बात करना भी गलत माना जाता है, लेकिन इस जनजाति में यह सामान्य बात है.
इस गांव में मनपसंद व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाना कोई नई बात नहीं है. इसके लिए गांव में खास घर बनाए जाते हैं और इस परंपरा को त्योहार की तरह मनाया जाता है. इस डेटिंग परंपरा को ‘घोटुल’ कहते हैं. यहां ये रिश्ते बांस से बने घरों में बनते हैं. इन घरों में सभी सुविधाएं होती हैं. आजकल शहरों में पब और नाइट क्लबों की तरह ही यह ‘घोटुल’ परंपरा भी इस जनजाति के लिए एक खास उत्सव है. इस परंपरा के अनुसार, युवा पुरुष और महिलाएं एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझने और पार्टी करने के लिए यहां मिलते हैं. इस परंपरा के अनुसार, 10 साल से ऊपर के बच्चे भी इसमें भाग ले सकते हैं.
घोटुल में कोई भी लड़का अपनी पसंदीदा लड़की को प्रपोज कर सकता है. पसंद आने के बाद वे शादी से पहले एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बना सकते हैं. यहां युवक-युवतियों को अपना मनपसंद जीवन साथी चुनने की पूरी आजादी है. वे यहां बिना किसी सामाजिक दबाव के रह सकते हैं. जब उन्हें लगता है कि उनका फैसला सही है, तो वे अपने परिवार को बताती हैं और फिर उनकी शादी कर दी जाती है. गर्भवती होने के बाद भी शादी करना यहां एक आम बात है.ग्रामीणों का मानना है कि इस परंपरा के कई फायदे हैं. इससे जनजाति में लिंग आधारित शोषण की घटनाएं भी कम होती हैं.
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