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दाढ़ी रखने वाले जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के 10 छात्रों को NCC कैंप से निकालने का आरोप

जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले 10 मुस्लिम छात्रों को सिर्फ इसलिए एनसीसी मुख्यालय से निकाल दिया गया क्योंकि उनसभी के चेहरे पर दाढ़ी थी. इस मामले में यूनिवर्सिटी की मीडिया संयोजक ने अपने बयान में कहा कि हम इस पूरे मामले की जांच करेंगे.

जामिया यूनिवर्सिटी
inkhbar News
  • Last Updated: December 26, 2017 13:08:14 IST

नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एक समुदाय के 10 छात्रों को सिर्फ इसलिए एनसीसी मुख्यालय से निकाल दिया गया क्योंकि उनसभी के चेहरे पर दाढ़ी थी. दरअसल, ये सभी छात्र 6 के कैंप के लिए दिल्ली रे रोहिणी स्थित एनसीसी मुख्यालय पहूंचे थे. बीते 19 दिसंबर में उनके बटालियन हवलदार मेजर ने उन छात्रों को हिदायत देते हुए कहा था कि एनसीसी कैंप में रहने के लिए उन्हें दाढ़ी को हटवाना पड़ेगा. हालांकि, उन सभी छात्रों ने दाढ़ी हटाने के लिए साफ मना कर दिया.

इस मामले एलएलबी पहले वर्ष के एक छात्र दिलशाद अहमद ने बताया कि हम पिछले करीब 2 सालों से एनसीसी का हिस्सा हैं लेकिन हमें कभी भी अपनी दाढ़ी हटवाने के लिए नहीं कहा गया. हमने पहले ही आवेदन दिया था कि हम धार्मिक वजह से दाढ़ी रखते हैं. लेकिन कैंप के छठे दिन हमें वहां से जबरदस्ती हटने के लिए कह दिया गया और हमारा सामान भी वहां से हटा दिया गया. आखिर हम भी आगे चलकर सेना में भर्ती होना चाहते हैं लेकिन हमारे साथ ऐसा रवैया दुखदाय है.

एक छात्र अनवर ने बताया कि यह सब हमारे लिए अपमान जैसा है. कैंप में हमे पुलिस एक्शन की भी धमकी दी गई थी. जो अधिकारी हमारे साथ थे उन्होंने भी कोई मदद नहीं की. इसके आगे अनवर ने कहा कि एनसीसी में ऐसा कोई नियम नहीं है जो बताता है कि दाढ़ी रखना अनुशासनहीनता है. इस घटना वाले दिन हम वापस अपने बैरक लौटकर कमांडिंग ऑफिसर से मिलने का इंतजार कर रहे थे लेकिन हमारी किसी से मुलाकात नहीं हुई जिसके बाद देर रात हमें कैंप से हटने के लिए कहा गया. इसके साथ ही यह भी कहा कि अगर हम कैंप नहीं छोड़ेंगा तो हमपर पुलिस कार्रवाई की जाएगी.

इस मामले में जब मीडिया ने कमांडिंग ऑफिसर एस.बी.एस यादव से पूछताछ की तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. वहीं छात्रों के साथ आए अधिकारी ने बताया कि वे इस घटना की रिपोर्ट यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर को रिपोर्ट सौंपेंगे. वहीं, यूनिवर्सिटी ने अपने बयान में कहा कि इस पूरे मामले की जांच करेंगे. जामिया की मीडिया संयोजक साइमा सईद ने बताया कि हमारा पहला उद्देश्य अपने छात्रों को हर क्षेत्र में सहयोग करना है.

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