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झारखंड: हेमंत सोरेन की कुर्सी जाने से खतरे में गठबंधन सरकार? जानिए विधानसभा का गणित

झारखंड: रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेंमत सोरेन इस वक्त बड़ी मुश्किल में फंसते नजर आ रहे है। राज्यपाल रमेश बैस आज सीएम सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर फैसला लेने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग ने राज्यपाल से सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है। इसी बीच बताया जा रहा है […]

Hemant Soren
inkhbar News
  • Last Updated: August 26, 2022 13:23:56 IST

झारखंड:

रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेंमत सोरेन इस वक्त बड़ी मुश्किल में फंसते नजर आ रहे है। राज्यपाल रमेश बैस आज सीएम सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर फैसला लेने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग ने राज्यपाल से सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है।

इसी बीच बताया जा रहा है कि सोरेन की कुर्सी जाने के बाद अब राज्य को नया मुख्यमंत्री मिल सकता है। लेकिव क्या गठबंधन सरकार पर भी कोई संकट के बादल मंडरा रहे हैं। आइए जानते है….

खतरे में गठबंधन सरकार?

बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी जाने के बाद भी झारखंड की जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी की सरकार को कोई खतरा नहीं है। फिलहाल सरकार स्थिर है। राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 30 विधायक, कांग्रेस के 18 और राष्ट्रीय जनता दल का एक विधायक है। जिसको मिलाकर अभी हेमंत सरकार के पास लगभग 50 विधायकों का समर्थन है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के पास 26, उसके सहयोगी आजसू के पास 2 विधायक है। भाजपा को दो अन्य विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

जानिए, क्या है पूरा मामला?

भारतीय जनता पार्टी के एक डेलिगेशन ने फरवरी 2022 में सीएम सोरेन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने रांची के अनगड़ा में अपने नाम पर खनन पट्टा लिया है। इसीलिए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए। ये पूरा मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज और शेल कंपनियों में उनकी और उनके करीबियों की हिस्सेदारी से जुड़ा है।

सोरेन परिवार पर ये है आरोप

गौरतलब है कि झारखंड के मुख्यमंत्री और जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरूपयोग कर स्टोन क्यूएरी माइंस अपने नाम करवा ली थी। इसके साथ ही सोरेन परिवार पर शेल कंपनी में निवेश कर अकूत संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप है। फिलहाल ये मामला सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से होते हुए अब झारखंड राजभवन तक पहुंच गया है।

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