नई दिल्ली: बजट सत्र के पहले भाग का आज यानी 13 फरवरी को आखिरी दिन है. इसी बीच राज्यसभा में बीजेपी सांसद मेधा विश्राम कुलकर्णी ने जेपीसी रिपोर्ट पेश की है, जिसके बाद कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और वामपंथी दलों समेत कई विपक्षी दलों ने इसे असंवैधानिक बताते हुए विरोध शुरू कर दिया। हंगामे के बीच विपक्षी सांसद वेल में आ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
सदन में हुआ हंगामा
इस दौरान राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रपति का संदेश पढ़ना चाहते हैं, लेकिन विपक्षी नेताओं ने शोरगुल जारी रखा। धनखड़ ने इसे राष्ट्रपति का अपमान बताया और सांसदों को चेतावनी भी दी। शांति न होने पर उन्होंने 11 बजकर 09 मिनट पर कार्यवाही 11 बजकर 20 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी।
सरकार पर लगाया आरोप
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “जेपीसी रिपोर्ट में असहमति के नोट हटाए गए हैं, जो लोकतंत्र के खिलाफ है। हम इस एकतरफा रिपोर्ट को नहीं मानते। इसे वापस भेजकर दोबारा तैयार किया जाना चाहिए।” आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया, “आज वक्फ बोर्ड पर कब्जा हो रहा है, कल मंदिर और गुरुद्वारों पर होगा। यह सरकार धार्मिक संस्थाओं को निशाना बना रही है।”
क्या है वक्फ संशोधन विधेयक
बता दें वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में पेश किया था। इसके बाद 8 अगस्त 2024 को इसे जेपीसी के पास भेजा गया था। समिति ने 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को 655 पन्नों की रिपोर्ट सौंप दी थी। बीजेपी सांसदों का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए जरूरी है। वहीं विपक्ष इसे मुस्लिम धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप बताकर विरोध कर रहा है। रिपोर्ट में बीजेपी सांसदों के सुझाव शामिल किए गए हैं, जबकि विपक्षी संशोधन खारिज कर दिए गए थे।
ये भी पढ़ें: ये नेता बना भारत का सबसे बेस्ट मुख्यमंत्री, भौकाल ऐसा आस पास भी नहीं फटक पाया कोई सीएम