नई दिल्लीः जस्टिस कुरियन जोसेफ शनिवार को कोच्चि स्थित अपने पैतृक घर पहुंचे. इस दौरान जस्टिस कुरियन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें भरोसा है कि उन्होंने जो मुद्दे उठाए हैं, उन मुद्दों को कोर्ट के अंदर ही सुलझाया जाएगा. जस्टिस कुरियन ने कहा कि एक मुद्दे की ओर ध्यान दिलाया गया है और इस विवाद को बाहर सुलझाने की जरूरत नहीं है. हालांकि शनिवार को एक बार फिर उन्होंने इस बात को दोहराया कि सुप्रीम कोर्ट में सुधार की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘मेरे साथ चार अन्य वरिष्ठ जजों ने न्यायपालिका में लोगों का भरोसा जीतने के लिए ये काम किया है. हम न्याय और न्यायपालिका के पक्ष में खड़े हुए.’
सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वालों चार जजों में से एक जस्टिस कुरियन जोसेफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को सही ठहराते हुए कहा कि उन्होंने जो भी किया न्यायपालिका के हित में किया. उन्होंने किसी प्रकार अनुशासन तोड़ने की बात के साफ इंकार किया है. उन्होंने कहा कि यह कदम सुप्रीम कोर्ट के प्रबंधन पारदर्शिता लाएगा. उन्होंने कहा कि एक मुद्दा सामने आया है, जिसे निश्चित रूप से सुलझा लिया जाएगा. जस्टिस कुरियन ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया जिससे लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास बढ़ सके.
This is not an issue that requires mediation from outside. This is an internal issue of the institution and the institution will sort it out. A correction inside the institution is what is required: Justice Kurian Joseph in Kochi #SupremeCourt pic.twitter.com/tZ1pqYcYzM
— ANI (@ANI) January 13, 2018
शुक्रवार को देश के सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठ जजों जे. चेलामेश्वर, एमबी लोकुर, रंजन गोगोई और कुरियन जोसेफ ने सीजीआई दीपक मिश्रा पर शिकायत के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में चल रही गड़बड़ियों पर ध्यान देने की बात कही थी. जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अगर शीर्ष अदालत में ऐसा ही चलता रहा तो लोकतंत्र जिंदा नहीं रहेगा. सीजीआई दीपक मिश्रा के बाद आने वाले जज चेलामेश्वर ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट प्रबंधन में पिछले दिनों में कुछ ऐसी चीजें हुई है जो नहीं होनी चाहिए थी. उन्होंने कहा था कि इस मसले पर मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा से भी मिले थे और उन्हें इस समस्या से अवगत कराया था.
बता दें कि यह पहला मौका है जब सुप्रीम कोर्ट के जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश के सर्वोच्च न्यायालय के अंदरूनी मामलों को इस तरह उजागर किया. जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की भी चर्चाएं जोरों पर थी लेकिन उन्होंने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की. देश के न्यायापालिका के इतिहास में पहली बार हुई इस घटना को केंद्र सरकार ने न्यायपालिका का मामला बताया था. शनिवार को प्रधानमंत्री की मुख्य सचिव जस्टिस नृपेंद्र मिश्रा चेलामेश्वर से मुलाकात करने पहुंचे थे लेकिन वहां से उन्हें बैरंग लौटना पड़ा था. बता दें कि शनिवार को शाम पांच बजे सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन की बैठक भी होनी है.
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