तिरुवनंतपुरम. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करेगी जो सबरीमाला मंदिर पर दिए फैसले के खिलाफ दायर समीक्षा याचिकाओं पर सुनाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2018 के आदेश पर सवाल उठाया गया था, जिसमें कहा गया था कि सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में पूजा करने की अनुमति दी जा रही है. प्रशासन ने इसके लिए विस्तृत सुरक्षा व्यवस्था की थी. इसके खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज फैसला सुनाया जाएगा. इससे पहला सरकार ने सुरक्षा को मजबूत किया है जबकि राजनीतिक दल, दक्षिणपंथी संगठन और भक्त सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में इंतजार में बैठे हैं. दरअसल मंदिर शनिवार को वार्षिक तीन महीने के तीर्थयात्रा के मौसम के लिए खोलने की तैयारी कर रहा है.
पिछले साल राज्य ने 28 सितंबर को फैसले के बाद व्यापक विरोध और कई बंद देखे गए थे. इसी के मद्देनजर पुलिस ने पठानमथिट्टा जिले में सतर्कता बढ़ा दी है, जहां प्रसिद्ध मंदिर स्थित है और तीर्थयात्रा के मौसम के लिए एक विस्तृत सुरक्षा व्यवस्था की योजना बनाई है. अतिरिक्त डीजीपी शेख दरवेश साहब मंदिर में 10,200 पुलिसकर्मियों की तैनाती और दो आधार शिविरों की देखरेख करेंगे. राज्य सरकार ने कहा कि वह फैसले को पत्र और भावना में लागू करेगी चाहे वह सहायक हो या पहले के फैसले के खिलाफ हो. बुधवार को राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, हमने स्पष्ट कर दिया है कि हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को आगे बढ़ाएंगे. लेकिन विपक्षी कांग्रेस और बीजेपी ने कहा कि अगर समीक्षा का फैसला उनके खिलाफ जाता है तो वे सदियों पुराने रिवाज की रक्षा के उपाय करेंगे.
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आंदोलन करने वाले कम से कम 50,000 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया था. विरोध प्रदर्शन के कारण तीर्थयात्रियों और राजस्व में कमी आई. मंदिर को चलाने वाले त्रावणकोर देवसोम बोर्ड ने कहा कि 2017 में 2.20 करोड़ तीर्थयात्री मंदिर आए वहीं 2018 में पिछले साल इनमें 50 प्रतिशत की गिरावट आई और केवल 1.20 करोड़ तीर्थयात्री मंदिर आए. औसतन, दो करोड़ तक श्रद्धालु, सीजन के दौरान मंदिर में प्रार्थना करते हैं.
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