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केरल: राहुल गांधी बोले- पीएम मोदी को मनरेगा समझ नहीं आया तो राजकोष पर बोझ बता दिया

केरल: वायनाड। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस वक्त अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड के दौरे पर हैं। इस बीच एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने मनरेगा को लेकर पीएम मोदी पर तंज कसा। राहुल गांधी ने कहा कि जब मैंने लोकसभा में प्रधानमंत्री को मनरेगा के खिलाफ बोलते हुए सुना तो मैं […]

Rahul Gandhi
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  • Last Updated: July 2, 2022 14:28:02 IST

केरल:

वायनाड। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस वक्त अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड के दौरे पर हैं। इस बीच एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने मनरेगा को लेकर पीएम मोदी पर तंज कसा। राहुल गांधी ने कहा कि जब मैंने लोकसभा में प्रधानमंत्री को मनरेगा के खिलाफ बोलते हुए सुना तो मैं चौंक गया था। उन्होंने इसे UPA की विफलताओं का जीवंत स्मारक बताया था। उन्होंने इसे राजकोष पर एक बोझ बताया था। इससे मुझे एहसास हुआ कि प्रधानमंत्री वास्तव में मनरेगा की गहराई को नहीं समझ पाए हैं।

मनरेगा ने भारत को कोविड के वक्त बचाया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगे कहा कि मैं कोविड के दौरान देख रहा था जब हजारों की संख्या में लोग बेरोज़गार हुए वहीं मनरेगा ने लोगों को बचाया था। PM ने उस समय मनरेगा पर कोई सवाल नहीं उठाया क्योंकि यह स्पष्ट हुआ जो उन्होंने UPA की विफलताओं का जीवंत स्मारक बताया था उसी चीज़ ने भारत को कोविड के समय बचाया।

इस योजना को लेकर काफी विरोध सहना पड़ा

वायनाड में मनरेगा कार्यकर्ताओ के साथ चर्चा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यूपीए की सरकार ने मनरेगा को संकल्पित, विकसित और लागू किया था। मुझे याद है जब इसका पहली बार उल्लेख किया गया था तब हमें काफी प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था। नौकरशाहों, व्यवसायियों ने कहा था कि यह पैसे की बर्बादी है।

किसानों और कृषि की रक्षा जरूरी

राहुल गांधी ने आगे कहा कि हमारे किसानों और कृषि को नजरअंदाज किया जा रहा है। किसानों को बिना किसी समर्थन के उन्हें उनकी स्थिति पर छोड़ दिया गया है। सरकारों को हमारे किसानों और कृषि की रक्षा के लिए काम करना चाहिए।

कार्यालय पर हुआ था हमला

बता दें कि इससे पहले बीते हफ्ते कलपेट्टा में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यालय के पास एसएफआई कार्यकर्ताओं ने एक विरोध मार्च निकाला था,जिसमें जंगलों के आसपास इको-सेंसिटिव जोन के मुद्दे पर राहुल गांधी की निष्क्रियता का आरोप लगाया गया था। जब ये मार्च राहुल गांधी के कार्यालय के पास पहुंचा तब हिंसा शुरू हो गई। जिसमें कथित तौर पर कार्यकर्ताओं के एक समूह ने लोकसभा सदस्य के कार्यालय में प्रवेश किया और उसमें तोड़फोड़ कर दी।

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