नई दिल्लीः भारत में ज्यादातर लोग ट्रेन(Khabre Zara Hat Ke) से ही यात्रा करना पसंद करते हैं। आपने ट्रेन के हॉर्न को कई बार सुना होगा। लेकिन क्या आपने कभी ये गौर किया है कि ट्रेन के हॉर्न की आवाज भी अक्सर बदलती रहती है। बता दें कि ट्रेनों में कुल 11 तरह के हॉर्न मौजूद होते हैं और हर हॉर्न का अलग मतलब होता है। ट्रेन में नौ तरह के हॉर्न होते हैं और ये अलग-अलग स्थियों में बजाई जाती है। तो चलिए जानते हैं इन हॉर्न के नाम और इन्हें बजाने की वजह।

11 तरह के होते हैं हॉर्न:

  • 1 छोटा हॉर्न का मतलब है कि ट्रेन यार्ड में आ चुकी है और अब उसकी सफाई का समय है।
  • 2 छोटा हॉर्न का मतलब(Khabre Zara Hat Ke) है कि ट्रेन अब चलने के लिए तैयार है।
  • 3 शॉर्ट हॉर्न का मतलब है कि ट्रेन के लोकोपायलट ने अपना नियंत्रण इंजन से खो दिया है और अब गार्ड को ट्रेन को वैक्यूम ब्रेक से रोकना है।
  • 4 छोटा हॉर्न का मतलब है कि ट्रेन में कोई टेक्नीकल फॉल्ट आ गया है और अब ट्रेन आगे नहीं बढ़ेगी।
  • 6 छोटाहॉर्न का मतलब है कि जब लोकोपायलट को किसी खतरे का आभास होता है, तभी वो इस तरह के हॉर्न को बजाता है।
  • 1 बड़ा और 2 छोटे हॉर्न, इस तरह के हॉर्न दो कारणों से बजाए जाते हैं। सबसे पहला जब कोई ट्रेन की चेन पुलिंग करता है या फिर जब गार्ड वैक्यूम प्रेशर ब्रेक लगाता है।
  • बहुत लंबा हॉर्न, अगर ट्रेन लंबा हॉर्न बज रहा है तो इसका मतलब ये है कि वो प्लेटफॉर्म पर नहीं रुकेगी।
  • दो बार रुक-रुक कर बजाए गए हॉर्न इसका मतलब है कि जब ट्रेन रेलवे क्रॉसिंग के नजदीक जाती है तब ट्रेन इस तरह से हॉर्न बजाती है। इसका कारण होता है कि कोई भी व्यक्ति रेलवे ट्रैक के नजदीक ना आ पाए।
  • एक छोटा और दो लंबे हॉर्न का मतलब है कि जब ट्रेन अपना ट्रैक बदलती है, उस समय ऐसा हॉर्न बजाया जाता है।
  • एक लंबा और एक छोटा हॉर्न का मतलब होता है कि लोकोपायलट इंजन को शुरू करने से पहले गार्ड को ब्रेक पाइप सिस्टम सेट करने के लिए सिग्नल दे रहा है।
  • दो लंबे और दो छोटे हॉर्न का मतलब है लोको पायलट गार्ड को इंजन का कंट्रोल लेने के लिए संकेत दे रहा है।

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