Pakistan Lashkar Terrorist: 12 मई 2025 को पाकिस्तान के कराची में एक ऐसी रैली हुई. जिसने पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक मानसिकता को फिर से उजागर किया. दिफा-ए-वतन काउंसिल (DWC) के बैनर तले आयोजित इस रैली में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और अहले सुन्नत वल जमात जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के नेता शामिल हुए. जिन्ना बाग में हजारों कट्टरपंथियों ने पाकिस्तानी सेना की तारीफ की और भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए. रैली में लश्कर के कमांडर फैसल नदीम ने बुलेटप्रूफ ग्लास के पीछे खड़े होकर भारत विरोधी जहर उगला. जिससे उनकी कायरता भी सामने आई.
इस रैली ने पाकिस्तान की सेना और आतंकी संगठनों के गहरे गठजोड़ को बेनकाब किया. जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने इस आयोजन का नेतृत्व किया. रैली में दिए गए भाषणों में भारत को खुली धमकियां दी गईं और तनाव को धर्म से जोड़कर प्रस्तुत किया गया. यह रैली भारत के ऑपरेशन सिंदूर का जवाब देने के लिए थी. जिसमें भारतीय वायुसेना ने 7 मई को पीओके और पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया था.
लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर फैसल नदीम ने अपनी जान की डर से बुलेटप्रूफ ग्लास के पीछे से भाषण दिया. सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में उनकी यह कायरता साफ दिखी. एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा पहले देश का पीएम बुलेटप्रूफ शीशे के पीछे भाषण देता था. अब आतंकी ऐसा करते हैं. यह रैली लश्कर के राजनीतिक मोर्चे PMML द्वारा आयोजित की गई थी. जो आतंकी संगठन की आड़ में अपनी गतिविधियां चलाता है.
पाकिस्तान का आतंकवाद समर्थन कोई नई बात नहीं है. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे. लेफ्टिनेंट जनरल फैय्याज हुसैन शाह और मेजर जनरल राव इमरान सरताज जैसे अधिकारियों की मौजूदगी ने साबित किया कि पाक सेना आतंकियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है. भारत ने इन अधिकारियों की तस्वीरें और नाम जारी कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस ओर खींचा है.
लश्कर-ए-तैयबा को संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तान ने प्रतिबंधित किया है फिर भी यह संगठन खुलेआम रैलियां करता और फंड जुटाता है. कराची की इस रैली ने पाकिस्तान की दोहरी नीति को फिर से उजागर किया. अंतरराष्ट्रीय पत्रकार याल्दा हकीम ने कहा पाकिस्तान की सेना और आईएसआई का लश्कर को समर्थन देने का लंबा इतिहास है. यह रैली ऐसे समय में हुई. जब पाकिस्तान ने भारत के साथ सीजफायर समझौता किया था जिससे उसकी मंशा पर सवाल उठते हैं.
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