नई दिल्ली. लोकसभा 2019 चुनाव से पहले भारत में सांप्रदायिक हिंसा भड़क सकती है. यह दावा अमेरिकी खुफिया विभाग के वरिष्ठ अफसर ने किया है. उन्होंने कहा, अगर सत्ताधारी बीजेपी हिंदुत्व पर जोर देती रही तो ऐसा होने की प्रबल आशंका है. भारत में आगामी अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं. अमेरिकी खुफिया विभाग के डायरेक्टर डैन कोट्स ने अमेरिकी सीनेट (संसद) में रिपोर्ट पेश की है, जिसमें उन्होंने कहा कि इस साल भारत और चीन के संबंधों में भी तनाव रहेगा.
पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की रिश्ते सुधारने की कोशिशों के बावजूद दोनों देशों के संबंधों में तनाव बरकरार रहेगा. यूएस सीनेट सिलेक्ट कमिटी ऑन इंटेलिजेंस के सदस्यों के आगे पेश इस रिपोर्ट को तैयार करने में कोट्स के अलावा सीआईए के डायरेक्टर जीना हरपाल, एफबीआई डायरेक्टर क्रिस्टोफर व्ररे और डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के डायरेक्टर रॉबर्ट एश्ले शामिल थे.
लिखित बयान में कोट्स ने कहा, ”पीएम नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में बीजेपी की नीतियों के कारण कुछ भाजपा शासित राज्यों में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है और राज्य के हिंदू राष्ट्रवादी नेता अपने समर्थकों उत्तेजित करने के लिए निम्न-स्तर की हिंसा को फैलाकर हिंदू राष्ट्रवादी अभियान की शुरुआत कर सकते हैं.”
उन्होंने कहा, ”बढ़ती सांप्रदायिक झड़पें भारतीय मुसलमानों को अलग-थलग कर सकती हैं, जिससे आतंकवादी भारत में अपना प्रभाव फैलाने में कामयाब हो जाएंगे. ” नरेंद्र मोदी सरकार का पांच साल का कार्यकाल मई में खत्म हो रहा है. चुनाव आयोग मार्च या अप्रैल में लोकसभा 2019 चुनावं की तारीखों का ऐलान कर सकता है. रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 6-7 चरणों में हो सकते हैं. इसके बाद पूरे देश में आचार संहिता लागू हो जाएगी.
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