लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित हजरतगंज होटल लेवाना में बीते दिन यानी सोमवार को आग लगने के बाद योगी सरकार एक्सन मोड में आ गई है। इस हादसे के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण ने 22 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है. इसके अलावा एलडीए ने होटल लेवाना सूइट्स को सील करने के भी निर्देश दिए हैं. मिली जानकारी के मुताबिक बिल्डर के खिलाफ धोखाधड़ी की मामला भी दर्ज किया गया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने प्रकरण की जांच के लिए सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है.

बता दें कि सचिव पवन कुमार गंगवार की अध्यक्षता में मुख्य अभियंता अवधेश तिवारी, दीपक सिंह व मुख्य नगर नियोजक नितिन मित्तल की समिति गठित की गई है. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर इलाके में 02 जुलाई 2017 से तैनात रहे अधिकारियों व कर्मचारियों की बिल्डर के साथ मिलीभगत के चलते अवैध निर्माण के विरूद्ध कार्यवाही न करने का जिम्मेदार पाया गया.

इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति

वहीं, जोनल अधिकारी/अधिशासी अभियंता अरूण कुमार सिंह (से0नि0), ओ0पी0 मिश्रा (से0नि0), कमलजीत सिंह (पालिका केन्द्रीयित सेवा), अधीक्षण अभियंता जहीरूद्दीन, राकेश मोहन, अमर कुमार मिश्रा, सहायक अभियंता ओ0पी0 गुप्ता, राधेश्याम सिंह, इस्माइल खान, विनोद कुमार गुप्ता, नागेन्द्र सिंह, अवर अभियंता राजीव कुमार श्रीवास्तव, जे0एन0 दुबे, जी0डी0 सिंह, रवीन्द्र श्रीवास्तव, पी0के0 गुप्ता, सुशील कुमार वर्मा, उदयवीर सिंह, मो0 इस्माइल खान, अनिल मिश्रा,अम्बरीश शर्मा व रंगनाथ सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई किये जाने की सिफारिश करते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी गयी है.

बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज

गौरतलब है कि शुरुआती जांच में उजागर हुआ कि बिल्डर ने प्राधिकरण में फर्जी शपथ पत्र देकर आवासीय भूखण्ड में व्यावसायिक निर्माण कराया था. प्राधिकरण की तरफ से मेसर्स बंसल कंस्ट्रक्शन के प्रतिनिधि मुकेश जसनानी व उनके साझेदारों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करायी गई.

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