चेन्नई: मद्रास हाई कोर्ट की मदुरई बैंच ने टिक टॉक वीडियो ऐप पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है. मद्रास हाई कोर्ट की मदुरई बेंच ने ही टिक टॉक पर अश्लील वीडियो की भरमार होने के आरोपों पर सुनवाई करते हुए 13 अप्रैल को अपने फैसले में केंद्र सरकार को आदेश जारी करते हुए कहा था कि टिक टॉक की डाउनलोडिंग पर पूरी तरह बैन लगाया जाए. साथ ही कोर्ट ने मीडिया से भी कहा था कि वो टिक टॉक के वीडियो का प्रसारण ना करे.
सरकार के आदेश पर गूगल और एप्पल ने अपने स्टोर से टिक टॉक ऐप हटा लिया था. बुधवार को मामले पर हुई सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के खिलाफ अपराध ही कोर्ट की चिंता का विषय है. जस्टिस किरुबाकरन और जस्टिस एस एस सुंदर ने टिक टॉक पर लगे अंतरिम प्रतिबंध को हटाते हुए ये बात कही.
Madurai bench of the Madras High Court lifts ban on TikTok video app. pic.twitter.com/1oFP4oYncs
— ANI (@ANI) April 24, 2019
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट को कहा था कि वह टिक टॉक बैन मामले में 24 अप्रैल को अंतरिम रोक के आदेश पर विचार करें. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि अगर हाईकोर्ट इस बात पर विचार नहीं किया तो अंतरिम रोक हटा दी जाएगी. दरअसल हाईकोर्ट के आदेश के बाद टिक टॉक बैन को लेकर सुप्रीम पुर्नविचार याचिका दाखिल की गई थी.
टिक टॉक बैन होने से टूट गया था काफी युवाओं का दिल
मद्रास हाईकोर्ट के टिक टॉक बैन करने के फैसले ने बड़ी संख्या में युवाओं को झटका लगा था. काफी लोगों ने सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रियाएं भी दी थी. काफी युवाओं का कहना था कि वे टिक टॉक पर कोर्ट के बैन से खुश नहीं है. टिक टॉक पर वीडियो बनाकर वे अपना टेलेंट दुनिया के सामने ला रहे थे, जिसका काफी बड़ा फायदा भी उन युवाओं का मिल रहा था.
सिर्फ युवा ही नहीं, बूढ़े और बच्चे भी हैं टिक टॉक के फैन
देश में टिक टॉक की दिवानगी सिर्फ युवाओं में नहीं बल्कि बच्चे और बूढ़ों में भी है. काफी लोग मनोरंजन के लिए भी टिक टॉक एप का इस्तेमाल करते हैं तो कई लोग टिक टॉक के जरिए अपना टैलेंट भी लोगों के सामने लाने की कोशिश करते हैं.