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Madras Highcourt Verdict: मद्रास हाईकोर्ट ने दिलाया मां को उसकी बेटी वापस, पिता को दिया 4 हफ्तों का अल्टिमेटम

नई दिल्ली: मद्रास हाईकोर्ट(Madras Highcourt) ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। मामला 8 साल की बच्ची की कस्टडी का था। बता दें कि हाईकोर्ट ने मां के पक्ष में फैसला सुनाया है। कई साल पहले ही महिला और उनके पति का तलाक हो गया था। तलाक के बाद पिता ने बेटी मां को सौंपने से […]

Madras Highcourt Verdict: मद्रास हाईकोर्ट ने दिलाया मां को उसकी बेटी वापस, पिता को दिया 4 हफ्तों का अल्टिमेटम
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  • Last Updated: October 29, 2023 17:21:38 IST

नई दिल्ली: मद्रास हाईकोर्ट(Madras Highcourt) ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। मामला 8 साल की बच्ची की कस्टडी का था। बता दें कि हाईकोर्ट ने मां के पक्ष में फैसला सुनाया है। कई साल पहले ही महिला और उनके पति का तलाक हो गया था। तलाक के बाद पिता ने बेटी मां को सौंपने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद महिला को मद्रास हाईकोर्ट का सहारा लेना पड़ा।

तलाक के बाद पिता के पास थी कस्टडी

दरअसल महिला अपने पति से तलाक ले चुकी थी। पर तलाक के बाद महिला के पति ने अपनी 8 साल की बेटी को अपने पास रख लिया था। महिला के बहुत प्रयास करने पर भी जब पति ने बेटी को उन्हें नहीं सौंपा तो महिला ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। यहां पर मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस आर सुब्रमण्यन और जस्टिस डी नागार्जुन की बेंच ने मां के पक्ष में फैसला सुनाया और पति को आदेश दिया कि वो जल्द से जल्द बेटी को उसकी मां को सौंपे।

कोर्ट ने 4 हफ्ते का समय दिया

मद्रास हाईकोर्ट(Madras Highcourt) ने महिला के पति को आदेश दिया है कि वह 4 हफ्तों के अंदर बेटी मां को सौंप दे। बेंच ने इस दौरान यह भी कहा कि तलाक के बाद 10 साल से कम उम्र के बच्चों को उनकी मां के पास ही रखना चाहिए। इतने छोटे बच्चों की सबसे अच्छी देखभाल उनकी मां ही कर सकती है।

2014 में हुई थी शादी

ग्रेसी सिल्विया नाम की इस महिला ने साल 2014 में स्टालिन सैमुअल से शादी की थी। शादी बाद दोनों कुछ दिन मुंबई में रहने के बाद अमेरिका चले गए। 2015 में उनकी एक बेटी हुई, पर फिर दोनों का तलाक हो गया। तलाक के बाद बेटी की कस्टडी पिता स्टालिन सैमुअल के पास थी। ग्रेसी ने तब मद्रास हाईकोर्ट में अर्जी लगाई, जहां उनके पक्ष में फैसला सुनाया गया।

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कस्टडी मिलने के बाद स्टालिन ने कुछ समय तक बेटी को मुंबई में अपने माता-पिता के पास छोड़ दिया था और खुद अमेरिका में नौकरी कर रहे थे। 2020 में फिर उन्होंने बेटी को अमेरिका ले जाना चाहा, पर तब सलेम की महिला कोर्ट ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। इसके बाद साल 2022 में सलेम की महिला कोर्ट ने बेटी को मां को सौंपने का फैसला सुनाया। महिला कोर्ट के इस फैसले को स्टालिन ने मद्रास हाईकोर्ट में चुनौती दी। यहां भी फैसला मां के हक में आया।