महाराष्ट्र:

मुंबई। महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच प्रवर्तन निदेशालय ने शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत को समन भेजा है। ईडी ने ये नोटिस प्रवीण राउत और पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में भेजा है। इससे पहले इसी केस में उनकी कुछ संपत्तियां भी ईडी द्वारा कुर्क की गई थी।

28 जून को पूछताछ के लिए बुलाया

प्रवर्तन निदेशालय ने शिवसेना नेता संजय राउत को 28 जून यानि कल पूछताछ के लिए बुलाया है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने संजय राउत को ये समन उस वक्त भेजा है जब महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में 40 से अधिक विधायकों ने बागी रूख अपना लिया है और सरकार संकट में है।

मनसे में जा सकते है बागी विधायक

असम के गुवाहाटी में डेरा जमाए शिवसेना के बागी विधायक महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना मंव शामिल हो सकते हैं। मनसे उद्धव के चचेरे भाई राज ठाकरे की पार्टी है। बागी विधायकों के राज की पार्टी में शामिल होने के पीछे का कारण ये है कि शिंदे गुट के पास दो तिहाई यानी 37 से अधिक विधायकों का समर्थन जरूर है लेकिन उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा में अलग पार्टी की मान्यता मिलना आसान नहीं है। इसी बीच बागी विधायकों का गुट अगर राष्ट्रपति चुनाव से पहले इस संकट का हल चाहता है तो उसे खुद का विलय किसी दल में करना होगा। ऐसे में बागियों की सबसे बड़ी संभावना महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना में शामिल होने की है।

बीजेपी की ताल पर नाच रहे नचनिया बागी-सामना

सामना में लिखा गया है कि महाराष्ट्र के सियासी लोकनाट्य में केंद्र सरकार की डफली, तंबूरे वाले कूद पड़े हैं और राज्य के ‘नचनिये’ विधायक उनकी डफली पर नाच रहे हैं। ये सभी ‘नचनिये’ गुवाहाटी के एक पांच सितारा होटल में अपने राज्य द्रोह का प्रदर्शन पूरी दुनिया में कर रहे हैं। मुखपत्र में लिखा गया है कि केंद्र और महाराष्ट्र की बीजेपी ने ही इन नचनियों (बागी विधायकों) को उकसाया है। उनकी नौटंकी का मंच बीजेपी ने ही बनाया और सजाया है। ये अब किसी से भी छिपा नहीं रह गया है।

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