Maharashtra Politics: महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मंगलवार (17 जून) को शिवसेना के पूर्व नेताओं के भाजपा में शामिल होने पर तीखा हमला बोला। सपकाल ने पूछा कि क्या बीजेपी भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम को भी अपने खेमे में शामिल करेगी? उन्होंने भाजपा को राजनीतिक वाशिंग मशीन करार दिया और आरोप लगाया कि पार्टी गुंडों, अपराधियों और भ्रष्ट लोगों से भरी हुई है।
इससे पहले दिन में शिवसेना (यूबीटी) के पूर्व नेता सुधाकर बडगुजर और बबनराव घोलप भाजपा में शामिल हो गए, जबकि भाजपा विधायक सीमा हिरय ने बडगुजर के पार्टी में शामिल होने का कड़ा विरोध किया। कभी शिवसेना सांसद संजय राउत के करीबी माने जाने वाले बडगुजर को पिछले साल भाजपा ने निशाना बनाया था, जब एक वीडियो में उन्हें 1993 के मुंबई सीरियल बम विस्फोट मामले के आरोपी सलीम ‘कुट्टा’ के साथ नाचते हुए दिखाया गया था।
पीटीआई के अनुसार, हर्षवर्धन सपकाल ने पूछा, “भाजपा द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपी लोगों का अब पार्टी में स्वागत किया जा रहा है और उन्हें मंत्री पद भी दिया जा रहा है। अब माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंध रखने के आरोपी लोगों को भी सम्मान के साथ पार्टी में शामिल किया जा रहा है। क्या अब हम यह उम्मीद करें कि भारतीय जनता पार्टी दाऊद को भी पार्टी में शामिल करेगी?
सपकाल ने आगे कहा, “भाजपा विधायक और अब मंत्री नितेश राणे ने एक बार राज्य विधानसभा में गंभीर आरोप लगाए थे कि नासिक के सुधाकर बडगुजर ने दाऊद के सहयोगी सलीम कुट्टा के लिए एक पार्टी आयोजित की थी और सबूत के तौर पर तस्वीरें भी पेश की थीं। आज उसी बडगुजर को भाजपा में शामिल किया गया है और पार्टी कहती है कि उसने हिंदुत्व स्वीकार कर लिया है, इसलिए उसका स्वागत है। क्या इसका मतलब यह है कि कल दाऊद को भी माफ कर दिया जाएगा, अगर वह हिंदुत्व के प्रति निष्ठा का दावा करता है?”
भाजपा पर पाखंड का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ”भाजपा का हिंदुत्व फर्जी और अवसरवादी है।” उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल एक बार दाऊद इब्राहिम के सहयोगी इकबाल मिर्ची से जुड़े कथित संपत्ति सौदों के लिए जांच के घेरे में थे। इसके बावजूद भाजपा उनके गुट के साथ सत्ता साझा कर रही है और उन्हें क्लीन चिट दे रही है। सपकाल ने यह भी कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष को दोपहर तक बडगुजर के शामिल होने की जानकारी नहीं थी। फिर भी उन्हें रिसेप्शन में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया। इससे यह गंभीर सवाल उठता है कि आखिर भाजपा को कौन चला रहा है?