Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • महाराष्ट्र: बगावत की अटकलों के बीच संजय राउत के भाई सुनील राउत बोले- शिवसेना मेरे खानदान के खून में है

महाराष्ट्र: बगावत की अटकलों के बीच संजय राउत के भाई सुनील राउत बोले- शिवसेना मेरे खानदान के खून में है

महाराष्ट्र: मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में इस वक्त शिवसेना के दो गुटों के बीच घमासान जारी है। एक तरफ 40 से अधिक बागी विधायकों को लेकर एकनाथ शिंदे गुवाहाटी से सियासी वार कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ मुंबई में उद्धव ठाकरे की शिवसेना भी बागियों पर लगातार जुबानी हमला कर रही है। शिवसेना पर […]

Sanjay Raut-Sunil Raut
inkhbar News
  • Last Updated: June 27, 2022 16:33:51 IST

महाराष्ट्र:

मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में इस वक्त शिवसेना के दो गुटों के बीच घमासान जारी है। एक तरफ 40 से अधिक बागी विधायकों को लेकर एकनाथ शिंदे गुवाहाटी से सियासी वार कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ मुंबई में उद्धव ठाकरे की शिवसेना भी बागियों पर लगातार जुबानी हमला कर रही है। शिवसेना पर दावेदारी की ये लड़ाई फिलहाल सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। इसी बीच अटकले लगाई जा रही थी कि शिवसेना नेता और उद्धव के करीबी संजय राउत के भाई सुनील राउत भी शिंदे के बागी खेमे में जा सकते है। लेकिन आज सुनील राउत ने खुद ही इन अटकलों पर विराम लगा दिया।

मेरे शरीर में उद्धव ठाकरे

शिंदे गुट में शामिल होने की अटकलों पर विराम लगाते हुए सुनील राउत ने कहा कि वो पक्के शिवसैनिक है। शिवसेना उनके खानदान के खून में है और उद्धव ठाकरे उनके शरीर में है। सुनील ने आगे कहा कि वो कभी भी शिवसेना नहीं छोड़ेंगे।

मैं गुवाहाटी क्यों जाउंगा ?

शिवसेना के सुनील राउत ने आगे कहा कि मैं गुवाहाटी क्यों जाऊं? मैं गोवा जा सकता हूं। गुवाहाटी में क्या गद्दारों का चेहरा देखने जाऊंगा? मैं शिवसेना का आदमी हूं और अपने आखिरी क्षण तक शिवसेना में ही रहूंगा। और काम करूंगा। अब पार्टी में जितने लोग बचे हैं हम उनसे ही महाराष्ट्र में शिवसेना बढ़ाएंगे।

विक्रोली से विधायक है सुनील राउत

बता दें कि सुनील राउत शिवसेना के बड़े नेता संजय राउत के भाई है। वो दो बार से महाराष्ट्र की विक्रोली विधानसभा से विधायक है। उन्होंने सबसे पहले 2014 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। इसके बाद वो दोबारा 2019 में विधानसभा सदस्य चुने गए। शिवसेना ने 2019 में जब भाजपा से नाता तोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के महाविकास अघाड़ी सरकार बनाई थी। उसक समय शिवसेना की तरफ से मंत्री बनने की आशा लगाए विधायकों में सुनील राउत भी शामिल थे। हालांकि उन्हें मंत्री पद नहीं मिला था।

India Presidential Election: जानिए राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी ये 5 जरुरी बातें