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महाराष्ट्र: 3-4 जुलाई को विधानसभा का विशेष सत्र, शिंदे सरकार का बहुमत परीक्षण और स्पीकर का होगा चुनाव

महाराष्ट्र: मुंबई। महाराष्ट्र में पिछले दो हफ्तों से चल रहा सियासी गतिरोध शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही खत्म हो गया। राज्य की सत्ता में अब विधानसभा के बाकी बचे 2.5 साल बीजेपी और शिंदे गुट की गठबंधन सरकार राज करेगी। जिसमें बड़े भाई की भूमिका में बीजेपी होगी जिसके 100 […]

Maharashtra-Special assembly session
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  • Last Updated: July 2, 2022 12:26:23 IST

महाराष्ट्र:

मुंबई। महाराष्ट्र में पिछले दो हफ्तों से चल रहा सियासी गतिरोध शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही खत्म हो गया। राज्य की सत्ता में अब विधानसभा के बाकी बचे 2.5 साल बीजेपी और शिंदे गुट की गठबंधन सरकार राज करेगी। जिसमें बड़े भाई की भूमिका में बीजेपी होगी जिसके 100 से अधिक विधायक है। इसी बीच विधानसभा के विशेष सत्र की तारीख भी सामने आ गई है।

3-4 जुलाई को विधानसभा का विशेष सत्र

महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र 3 और 4 जुलाई को होगा। 2 जुलाई को स्पीकर चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया जाएगा, 3 जुलाई को स्पीकर का चुनाव होगा और 4 जुलाई को शिंदे सरकार सदन में बहुमत साबित करेगी।

विधायकों को लेने पहुंचे गोवा पहुंचे एकनाश शिंदे

महाराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे कल देर रात एक बार फिर गोवा पहुंचे। जहां उन्होंने तमाम तमाम बागी विधायकों के साथ मुलाकात की। जानकारी के मुताबिक सीएम शिंदे सभी विधायकों को लेकर आज मुंबई आएंगे। लेकिन इससे पहले वो गोवा में सभी विधायकों के साथ एक बैठक भी कर सकते है। बता दें कि मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद भी एकनाथ शिंदे गोवा गए थे, लेकिन वो अकेले वापस आ गए थे और उनके समर्थक विधायक वहीं ठहरे रहे। अब विधानसभा में नई सरकार को बहुमत साबित करना है और नए विधानसभा स्पीकर का चुनाव भी होना है। इसलिए विधायकों का मुंबई लौटना जरूरी है।

फडणवीस डिप्टी सीएम पद से खुश नहीं-पवार

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने गुरूवार को पुणे में मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि देवेंद्र फडणवीस नंबर दो का स्थान स्वीकार करके खुश नहीं है। शपथ ग्रहण के दौरान उनके चेहरे के भाव ने सब कुछ बयां कर दिया। वो नागपुर से हैं और उन्होंने एक स्वयंसेवक के रूप में काम किया है। वहां जब कोई आदेश आता है, तो उसका पालन करना ही पड़ता है। पवार ने कहा कि फडणवीस ने इसी संस्कार कारण एक कनिष्ठ पद स्वीकार किया है।

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