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आंध्र प्रदेश के सिंहाचलम मंदिर में दीवार गिरने से बड़ा हादसा, 8 श्रद्धालुओं की मौत… जांच में सामने आई ये वजह

आंध्र प्रदेश के विश्वप्रसिद्ध श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर-सिंहाचलम मंदिर में बुधवार तड़के हुए एक भयावह हादसे ने सभी को स्तब्ध कर दिया. इस दुर्घटना में आठ श्रद्धालुओं की जान चली गई जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. यह घटना 'चंदनोत्सवम्' के दौरान 'निजरूप दर्शन' के लिए कतार में खड़े भक्तों पर एक दीवार गिरने से हुई.

Andhra Pradesh News
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  • Last Updated: April 30, 2025 15:45:40 IST

Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश के विश्वप्रसिद्ध श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर जिसे सिंहाचलम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर में बुधवार तड़के एक भयावह हादसे ने सभी को स्तब्ध कर दिया. इस दुर्घटना में आठ श्रद्धालुओं की जान चली गई. जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. यह हादसा ‘चंदनोत्सवम्’ के दौरान ‘निजरूप दर्शन’ के लिए कतार में खड़े भक्तों पर एक दीवार के ढहने से हुआ.

कैसे हुई घटना?

यह दुखद घटना तड़के लगभग 2:30 बजे हुई. जब भारी बारिश के कारण मंदिर के पास एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की नवनिर्मित दीवार अचानक ढह गई. प्रारंभिक जांच में पता चला कि बारिश के कारण मिट्टी ढीली हो गई थी. जिससे दीवार कमजोर पड़ गई और यह हादसा हुआ. उस समय सैकड़ों श्रद्धालु 300 रुपये के विशेष दर्शन टिकट के साथ कतार में खड़े थे.

राज्य की गृह मंत्री वंगलापुडी अनीता ने घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने कहा ‘भारी बारिश के कारण दीवार भीग गई थी और कमजोर हो चुकी थी. श्रद्धालुओं का दबाव भी इस हादसे का एक कारण बना.’

घटना की सूचना मिलते ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और स्थानीय प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किए. विशाखापत्तनम के जिला कलेक्टर हरेन्द्र प्रसाद और पुलिस आयुक्त शंख ब्रत बागची ने स्थिति को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. तीन महिलाओं सहित आठ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. शवों को किंग जॉर्ज अस्पताल, विशाखापत्तनम भेजा गया है. जहां घायलों का इलाज भी चल रहा है.

चंदनोत्सवम् का महत्व

चंदनोत्सवम् सिंहाचलम मंदिर का एक प्रमुख वार्षिक उत्सव है. जिसमें भगवान नरसिंह स्वामी के ‘निज रूप’ के दर्शन भक्तों को कराए जाते हैं. इस दौरान भगवान के चंदन लेप को हटाकर विशेष वैदिक अनुष्ठान किए जाते हैं. मंगलवार देर रात 1:00 बजे ‘सुप्रभात सेवा’ के साथ अनुष्ठान शुरू हुए. जिसमें मंदिर के उत्तराधिकारी ट्रस्टी पुषपति अशोक गजपति राजू और उनके परिवार ने पहली पूजा की. राज्य सरकार की ओर से राजस्व मंत्री अनगानी सत्य प्रसाद ने भगवान को रेशमी वस्त्र अर्पित किए.

सरकार का रुख

राज्य सरकार ने इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया गया है. यह हादसा न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए एक बड़ी त्रासदी है.

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