कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इस बीच राज्य में सियासी माहौल गरमाया हुआ है। नए वक्फ कानून को लेकर मुर्शिदाबाद और उसके आसपास के इलाकों में जिस तरह से हिंसा देखी गई, उसके बाद ममता सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है। इस बीच बीजेपी और आरएसएस ने 2026 के विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।
टीएमसी को मिलेगी कड़ी टक्कर
बता दें कि साल 2021 में भाजपा ने पहली बार राज्य में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका हासिल की थी। अब पार्टी 2026 में तृणमूल कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में जुट गई है। हालांकि, बंगाल में टीएमसी को हरा पाना बीजेपी के लिए आसान नहीं होने वाला है। इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने हरियाणा और दिल्ली की तरह पश्चिम बंगाल में भी भाजपा के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
फरवरी में बंगाल दौरे पर थे भागवत
मालूम हो कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत फरवरी महीने में 10 दिन के पश्चिम बंगाल दौरे पर आए थे। बताया जा रहा है कि इस दौरे के दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर खाका तैयार किया। जानकारों का मानना है कि अगर भाजपा ममता बनर्जी वाली तृणमूल कांग्रेस के वोट बैंक में 4 प्रतिशत की भी सेंध लगाने में सफल हो जाती है तो फिर 2026 के चुनाव में टीएमसी का किला ढह सकता है।
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