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मुस्लिम वोट पर माया की सेंधमारी, निकाय चुनावों के चलते चल दिया यह पैंतरा

लखनऊ। देश की राजनीति से लगभग बेदखल हो गई मायावती एक बार फिर से अपनी पार्टी बीएसपी को उठाने का प्रयास करती हुई नज़र आ रहीं हैं। इस बार उन्होने पहले की ही तरह वापसी करते हुए भाजपा एवं समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है, अहम बात तो यह रही कि, इस दौरान मायावती ने […]

मायावती ने चला मुस्लिम वोट बैंक का पैंतरा
inkhbar News
  • Last Updated: December 12, 2022 09:55:06 IST

लखनऊ। देश की राजनीति से लगभग बेदखल हो गई मायावती एक बार फिर से अपनी पार्टी बीएसपी को उठाने का प्रयास करती हुई नज़र आ रहीं हैं। इस बार उन्होने पहले की ही तरह वापसी करते हुए भाजपा एवं समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है, अहम बात तो यह रही कि, इस दौरान मायावती ने भले ही भाजपा और सपा पर निशाना साधा है लेकिन वह सपा के कद्दावर मुस्लिम नेता आज़म खान पर नरम रहीं।
रामपुर विधानसभा सीट हारने की बात पर मायावती ने इसका जिम्मेदार समाजवादी पार्टी को बताया।

सपा और भाजपा की मिलीभगत

बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक लंबे अरसे तक दलित और मुस्लिम वोट के सहारे उत्तर प्रदेश में राजनीति की है, जिसमें वह सफल भी रहीं। लेकिन 2014 के उनका शिथिल हो जाना पार्टी एवं वोटर्स के लिए घातक साबित हुआ दलित वोट बैंक का भाजपा में शिफ्ट हो जाना मायावती के लिए बेहद आघातपूर्ण रहा। लेकिन इस समय मायावती ने मुस्लिम वोट बैंक पर फिर से सेंध लगाने की कवायद शुरु कर दी है। उन्होने कहा कि, रामपुर विधानसभा सीट में भाजपा की सफलता का राज़ समाजवादी पार्टी का भाजपा के साथ मिला होना है।
उन्होने सपा और भाजपा पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए मुस्लिम वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है।

माया की नज़र निकाय चुनाव पर

मायावती इस समय यूंही एक्टिव नहीं हुई हैं बल्कि उनकी नज़र उत्तर प्रदेश के आगामी नगर निकाय चुनाव पर है, इस चुनाव के जरिए मायावती रूट लेवल में राजनीति स्थापित करने की कोशिश करेंगी। इस चुनाव में सफलता के लिए मायावती को दलित वोट के साथ-साथ मुस्लिम वोट की भी आवश्यकता पड़ेगी। यदि 2017 की बात करें तो मायावती ने 16 नगर निगमों में से दो पर अपना कब्जा जमाया था, वहीं 14 पर भाजपा को सफलता मिली थी।
नगर निकाय में अपनी मात्रा बढ़ाने के लिए बसपा ने मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कवायद अभी से आरम्भ कर दी है।