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Mohandas Pai: ‘बेंगलुरु कभी भी दुनिया का कॉल सेंटर नहीं था..’, इंफोसिस के पूर्व CEO मोहनदास पई ने आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे को दिया जवाब

बेंगलुरु: इंफोसिस के पूर्व निदेशक मोहनदास पई (Mohandas Pai) ने हाल ही में दिए गए कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि बेंगलुरु कभी भी दुनिया का कॉल सेंटर नहीं था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बेंगलुरु हमेशा से आईटी सेवा केंद्र रहा है. […]

Mohandas Pai
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  • Last Updated: December 18, 2023 21:29:47 IST

बेंगलुरु: इंफोसिस के पूर्व निदेशक मोहनदास पई (Mohandas Pai) ने हाल ही में दिए गए कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि बेंगलुरु कभी भी दुनिया का कॉल सेंटर नहीं था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बेंगलुरु हमेशा से आईटी सेवा केंद्र रहा है. बता दें कि प्रियांक खड़गे ने रविवार (17 दिसंबर) को कहा था कि बेंगलुरु दुनिया का कॉल सेंटर से एक अग्रणी अनुसंधान एवं विकास केंद्र बन गया है.

मोहनदास पई ने जताया विरोध

कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे के बयान के लेकर इंफोसिस के पूर्व निदेशक मोहनदास पई (Mohandas Pai) ने विरोध जताया. उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा है कि बेंगलुरु कभी भी दुनिया का कॉल सेंटर नहीं था. मोहनदास का कहना है कि बेंगलुरु हमेशा से आईटी सेवा केंद्र रहा है. उन्होंने इस पोस्ट में केंद्रीय आईटी मंत्री के बयान वाला वीडियो भी शेयर किया था.

प्रियांक खड़गे ने क्या कहा?

कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने रविवार को कहा था कि अगर दुनिया में किसी भी इनोवेशन की जरूरत है, वो बंगलुरु से ही हो रही है. बेंगलुरु दुनिया का कॉल सेंटर से एक अग्रणी अनुसंधान एवं विकास केंद्र बन गया है और अब इनोवेशन में दुनिया के सबसे खतरनाक शहरों में से एक है. उन्होंने कहा कि भारत में इनोवेशन के मामले में बेंगलुरु नंबर 1 पर हैं. दुनिया में हमारा स्थान 8वां है और हम 5वें स्थान पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.

‘भारत में एआई एडेप्टेबिलिटी 57% है’

प्रियांक खड़गे ने आगे कहा कि भारतीय परिदृश्य में स्टार्टअप यूनिकॉर्न का मूल्यांकन $384 बिलियन है, जिसमें अकेले बेंगलुरु का योगदान $186 बिलियन है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे पास बेंगलुरु में 44 यूनिकॉर्न और 57 सूनीकॉर्न हैं. आईटी मंत्री ने कहा कि हम समझते हैं कि किसी भी नवाचार की नींव कौशल में निहित है। हम कौशल विकास और उभरती प्रौद्योगिकियों पर काफी ध्यान दे रहे हैं. अमेरिका में एआई एडेप्टेबिलिटी लगभग 31% है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह 27% है. वहीं, भारत में यह 57% है और इसका नेतृत्व बेंगलुरु कर रहा है.

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