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Chalo Jeete Hain Movie Review: क्या मोदी की मूवी का टारगेट ‘दलित युवा’ हैं?

Chalo Jeete Hain Movie Review: मूवी को देखने के बाद लगा कि ये मूवी आम मोदी फैन को दिल को तो छुएगी ही, लेकिन दलित युवाओं के मन में पीएम मोदी की छवि को लेकर खासा पॉजीटिव असर डालेगी. तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस प्रेरणादायी मूवी का राजनीतिक उद्देश्य भी है. पीएम नरेन्द्र मोदी के बचपन से जुड़ी एक घटना पर एक शॉर्ट फिल्म रिलीज हुई है. कुल 32 मिनट की इस मूवी को चर्चा इसलिए भी मिली क्योंकि राष्ट्रपति भवन में इसे तमाम जानी मानी हस्तियों को दिखाया गया, साथ ही मुंबई में इसकी स्पेशल स्क्रीनिंग में रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी, भारतीय पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, सेंसर बोर्ड चीफ प्रसून जोशी, बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार, कंगना रनौत, जैसी हस्तियां पहुंची.

पीएम मोदी करीब 10 साल के थे, तो उनके साथ हुई एक घटना पर आधारित है
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  • Last Updated: August 2, 2018 16:54:19 IST

नई दिल्ली. हाल ही में पीएम नरेन्द्र मोदी के बचपन से जुड़ी एक घटना पर एक शॉर्ट फिल्म रिलीज हुई है. स्टार के सारे चैनल्स ने 29 जुलाई को उसका प्रीमियर किया और अब वो मूवी फ्री में हॉट स्टार एप्प डाउनलोड करके मोबाइल में देखी जा सकती है. कुल 32 मिनट की इस मूवी को चर्चा इसलिए भी मिली क्योंकि राष्ट्रपति भवन में इसे तमाम जानी मानी हस्तियों को दिखाया गया, साथ ही मुंबई में इसकी स्पेशल स्क्रीनिंग में रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी, भारतीय पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, सेंसर बोर्ड चीफ प्रसून जोशी, बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार, कंगना रनौत, जैसी हस्तियां पहुंची. खुद शाहरुख की आने वाली मूवी जीरो के डायरेक्टर आनंद एल राय इस मूवी ‘चलो जीते हैं’ के प्रजेंटर हैं. जिसको डायरेक्टर किया है मंगेश हडावले ने.

चलो जीते हैं.. काफी प्रेरणादायी फिल्म है और जब पीएम मोदी करीब 10 साल के थे, तो उनके साथ हुई एक घटना पर आधारित है. लेकिन चूंकि पीएम मोदी अभी सत्ता में हैं, राजनीति में हैं, इसलिए उनके हर कदम को राजनीति से जोड़कर देखा जाता है. इसलिए जाहिर है इस मूवी का भी पॉलटिकल हित हो सकता है, खासतौर पर तब जब अगले चुनावों में 10 महीने से भी कम समय रह गया है.

मूवी को देखने के बाद लगा कि ये मूवी आम मोदी फैन को दिल को तो छुएगी ही, लेकिन दलित युवाओं के मन में पीएम मोदी की छवि को लेकर खासा पॉजीटिव असर डालेगी. तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस प्रेरणादायी मूवी का राजनीतिक उद्देश्य भी है. खासतौर पर तब जब लगातार पीएम मोदी दलित मुद्दों पर संवेदनशील तरीके से बयान दे रहे हैं, चाहे ऊना वाली घटना के बाद गौरक्षकों के खिलाफ बयान देना हो या फिर संघ प्रमुख के आरक्षण पर बयान के गलत मायने निकाले जाने के बाद मेरे होते आरक्षण कभी खत्म नहीं होगा जैसे बयान देना हो.

दलितों को ध्यान में रखते हुए ही मोदी ने भीम एप्प चलाया, लंदन में डा. अम्बेडकर का घर खरीदा, मुंबई में इंदु मिल की जमीन खरीदी. दलित मुद्दे पर पीएम को घेरने में विपक्ष भी पीछे नहीं रहा, एक के बाद एक मुद्दे लेकर सरकार पर चढाई बदस्तूर जारी रही. अब बीजेपी के अंदरूनी हलकों में कहा जा रहा है कि ये शॉर्ट मूवी ‘चलो जीते हैं’ दलित युवाओं को पॉजीटिव मैसेज देने के लिए मोदी का मास्टर स्ट्रॉक है. आखिर क्या है ऐसा इस मूवी में, जानने के लिए देखिए इस वीडियो में विष्णु शर्मा के साथ इस मूवी का पॉलटिकल रिव्यू.

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