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मुकेश अंबानी को अब मिलेगी Z+ सिक्योरिटी, जानिए क्या होता है Z से Y श्रेणी की सुरक्षा का मतलब

नई दिल्ली: इंडस्ट्रियलिस्ट मुकेश अंबानी की सुरक्षा हाई कर दी गई है. सरकार ने उन्हें Z प्लस कैटेगरी की सुरक्षा देने का फैसला किया है. आपको बता दें कि देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के बाद Z प्लस लेवल सिक्योरिटी दुनिया की दूसरी सबसे सुरक्षित सिक्योरिटी होती है. ज़ेड […]

Mukesh Ambani
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  • Last Updated: September 29, 2022 17:59:30 IST

नई दिल्ली: इंडस्ट्रियलिस्ट मुकेश अंबानी की सुरक्षा हाई कर दी गई है. सरकार ने उन्हें Z प्लस कैटेगरी की सुरक्षा देने का फैसला किया है. आपको बता दें कि देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के बाद Z प्लस लेवल सिक्योरिटी दुनिया की दूसरी सबसे सुरक्षित सिक्योरिटी होती है.

ज़ेड प्लस सिक्योरिटी खासकर किसी नेता या राजनेता के दौरे के समय सरकार की ओर से उन्हें सुरक्षा दी जाती है. उस वक्त एक्स, वाई, जे़ड और ज़ेड प्लस सिक्योरिटी को साथ रखा जाता है। लेकिन क्या किसी को पता है कि इनका अर्थ क्या है. इन सिक्योरिटी में खासकर क्या इंतजाम किए जाते हैं।

बता दें कि राजनेताओं और बड़े अधिकारियों की सेफटी को ध्यान रखते हुए चार तरह की सुरक्षा मुहैया कराई जाती है. जिनमें X, Y, Z और Z प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी होती है. इनमें सबसे बड़ी Z प्लस सुरक्षा होती है. यह अधिकतर केंद्र सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री, न्यायाधीश एवं मशहूर राजनेता को दी जाती है।

X कैटेगरी सिक्योरिटी

सबसे पहले हम आपको X सुरक्षा के बारे में बताते हैं. यह साधारण प्रोटेक्शन जो छोटे नेताओं या अभिनेताओं को दी जा सकती है. X सिक्योरिटी में केवल 2 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें कंमाडो मौजूद नहीं होता है. इसमें पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर शामिल हो सकता है. देश में 65 % से अधिक लोगों को इस कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है।

Y कैटेगरी सिक्योरिटी

Y कैटेगरी सिक्योरिटी केवल वीआईपी लोगों को दी जाती है. उनकी सुरक्षा के लिए 11 सुरक्षाकर्मी दिए जाते हैं, जिसमें एक या कभी-कभी दो कंमाडो और दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर दिए जाते हैं।

Z कैटेगरी सिक्योरिटी

Z कैटेगरी सिक्योरिटी सुरक्षा को बढ़ाने के लिए दी जाती है, जिसमें 22 सुरक्षाकर्मी रहते है. इसमें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के 4 या 5 कमांडर दिए जाते हैं. यह सुरक्षा सीआरपीएफ या दिल्ली पुलिस मुहैया कराती है. इसमें तैनात कमांडोज के पास सब मशीनगन के अलावा आधुनिक संचार के साधनों रहते हैं. इस कैटेगरी में कमांडोज मार्शल ऑर्ट सीखे हुए होते हैं जो बिना हथियार के भी लड़ने में सक्षम होते हैं।

Z + सिक्योरिटी

Z + सिक्योरिटी अधिकतर केंद्र सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के न्यायाधीश, मशहूर राजनेता एवं बड़े ब्यूरोक्रेट्स को दी जाती है. जिसमें 36 सुरक्षाकर्मी मौजूद रहते हैं. इसमें एनएसजी के 10 कमांडोज होते हैं जो अत्याधुनिक हथियारों के साथ तैनात रहते है. इसमें तीन घेरे में सुरक्षा तैनात की जाती है. पहले घेरे में एनएसजी की सुरक्षा होते हैं, इसके बाद एसपीजी के अधिकारी मौजूद होते हैं। इनके अलावा आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान लगाए जाते हैं।

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