Mukhtar Ansari son Abbas Ansari: उत्तर प्रदेश के मऊ सदर से विधायक और दिवंगत गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है. यह कार्रवाई 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान अधिकारियों के खिलाफ दी गई एक विवादास्पद हेट स्पीच के मामले में उनकी दो साल की सजा के बाद हुई है. विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने अब्बास को इस मामले में दोषी ठहराया, जिसके परिणामस्वरूप उनकी विधायकी रद्द हो गई और मऊ सदर सीट को खाली घोषित कर दिया गया.
अभियोजन पक्ष के अनुसार 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के उम्मीदवार अब्बास अंसारी ने 3 मार्च 2022 को मऊ के पहाड़पुर मैदान में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए मऊ प्रशासन को धमकी दी थी. उन्होंने कथित तौर पर कहा “चुनाव के बाद इनका हिसाब-किताब किया जाएगा और इन्हें सबक सिखाया जाएगा.” इस बयान को अधिकारियों को डराने और चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश के रूप में देखा गया, जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन था. इसके बाद अब्बास के खिलाफ कोतवाली पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई. जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 189 (सार्वजनिक सेवक को नुकसान पहुंचाने की धमकी), 153-ए (धर्म, जाति, भाषा आदि के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 171-एफ (चुनाव में अनुचित प्रभाव) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप लगाए गए.
मऊ की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में जज के.पी. सिंह ने शनिवार, 31 मई 2025 को सुनवाई के बाद अब्बास अंसारी को दोषी ठहराया. उन्हें धारा 189 और 153-ए के तहत दो-दो साल, धारा 506 के तहत एक साल और धारा 171-एफ के तहत छह महीने की सजा सुनाई गई. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी, यानी कुल दो साल की कैद होगी. इसके अलावा 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. उनके करीबी सहयोगी मंसूर अंसारी को भी साजिश के लिए छह महीने की सजा सुनाई गई, जबकि छोटे भाई उमर अंसारी को कोर्ट ने बरी कर दिया. वकील दारोगा सिंह ने बताया कि सजा के बाद अब्बास और मंसूर को जमानत दे दी गई और वे इस फैसले को सत्र न्यायालय में चुनौती देंगे.