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Murshidabad Violence: मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून का विरोध, प्रदर्शनकारियों ने बरसाए पत्थर और रोकी ट्रेन, BSF तैनात

पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद जिला एक बार फिर हिंसा की चपेट में है. वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों ने शुक्रवार को हिंसक रूप ले लिया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया. सरकारी बसों और वाहनों में आग लगाई और निमटीटा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोककर पत्थरबाजी की.

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  • Last Updated: April 11, 2025 22:37:03 IST

Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद जिला एक बार फिर हिंसा की चपेट में है. वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों ने शुक्रवार को हिंसक रूप ले लिया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया. सरकारी बसों और वाहनों में आग लगाई और निमटीटा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोककर पत्थरबाजी की. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बीएसएफ(BSF) को तैनात करना पड़ा. इस बीच टीएमसी नेताओं के बयानों ने इसे शाहीनबाग जैसे आंदोलन से जोड़कर सियासी तूफान खड़ा कर दिया है.

हिंसा की शुरुआत

मुर्शिदाबाद के जंगीपुर और सुती इलाकों में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन मंगलवार से ही चल रहे थे. शुक्रवार को यह प्रदर्शन हिंसक हो गया. सुती में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-12 को जाम कर दिया और सरकारी बसों में आग लगा दी. निमटीटा रेलवे स्टेशन पर भीड़ ने ट्रेन पर पत्थर फेंके. जिससे कई ट्रेनों को डायवर्ट करना पड़ा और दो को रद्द करना पड़ा. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया लेकिन कई पुलिसकर्मी घायल हो गए.

पुलिस पर हमला और आगजनी

प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने पुलिस पर ईंट-पत्थर बरसाए. कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. जिनमें पुलिस की गाड़ियां भी शामिल थीं. बनियापुर और उमरपुर में कुछ घरों में तोड़फोड़ की खबरें भी सामने आईं. प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए रघुनाथगंज और सुती में धारा-163 लागू कर दी और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं. ‘हमने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है’ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा.

बीएसएफ(BSF) की तैनाती

हिंसा की गंभीरता को देखते हुए शमशेरगंज और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में बीएसएफ के जवानों को तैनात किया गया. राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सामान्य करने की कोशिश की जा रही है लेकिन तनाव बरकरार है. प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है.

शाहीनबाग की साजिश का आरोप

इस हिंसा ने सियासी रंग ले लिया है. टीएमसी के मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कुछ दिन पहले कहा था ‘हम सड़कों को घेर लेंगे.’ उनके इस बयान को बीजेपी ने शाहीनबाग जैसे आंदोलन की साजिश से जोड़ा है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा ‘ममता बनर्जी ने बंगाल के कई हिस्सों पर नियंत्रण खो दिया है. यह हिंसा उनके भड़काऊ बयानों का नतीजा है.’

ममता बनर्जी का बयान

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसा पर चिंता जताते हुए कहा ‘मुसलमानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. हम उनकी संपत्ति की रक्षा करेंगे.’ उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की लेकिन बीजेपी ने इसे वोटबैंक की राजनीति करार दिया. ममता ने यह भी कहा कि वह इस कानून को राज्य में लागू नहीं होने देंगी. जिससे केंद्र और राज्य के बीच टकराव की स्थिति बन रही है.

वक्फ कानून का विवाद

वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा से पारित हुआ था. 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे मंजूरी दी. बीजेपी इसे पारदर्शिता और मुस्लिम समुदाय की महिलाओं व पिछड़ों के सशक्तीकरण का कदम बताती है जबकि विपक्ष इसे मुस्लिम अधिकारों पर हमला मानता है. सुप्रीम कोर्ट में इस कानून के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई हैं.

क्या है हिंसा का कारण?

प्रदर्शनकारी इस कानून को मुस्लिम संपत्तियों और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं. जंगीपुर में रैली के दौरान एक अफवाह फैली कि पुलिस की कार्रवाई में किसी की मौत हो गई. जिसने भीड़ को उग्र कर दिया. हालांकि पुलिस ने इसे पूरी तरह खारिज किया. मुर्शिदाबाद में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. प्रशासन ने चेतावनी दी है कि हिंसा फैलाने वालों और अफवाहों को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

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