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Narendra Modi Govt On Jammu Kashmir Development: नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का किया गठन, रविशंकर प्रसाद, नरेंद्र तोमर, जितेंद्र सिंह सुधारेंगे घाटी के हालात

Narendra Modi Govt On Jammu Kashmir Development: नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विकास और राज्य में नौकरियां बढ़ाने के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन किया है. इसमें कुल 5 दिग्गज नेता शामिल हैं. इस जीओएम में रविशंकर प्रसाद, नरेंद्र तोमर, जितेंद्र सिंह, थावर चंद गहलोत और धर्मेंद्र प्रधान दिग्गज शामिल होंगे. हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी है और कहा है कि जल्द ही इस पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है.

Narendra Modi Govt On Jammu Kashmir Development
inkhbar News
  • Last Updated: August 28, 2019 14:23:14 IST

श्रीनगर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर में विकास का खाका तैयार करने के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया है. सूत्रों का कहना है कि कश्मीर और उसके युवाओं के विकास पर चर्चा करने के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स, जीओएम पहले ही दो बार मिल चुके हैं. सूत्रों ने बताया कि कश्मीर के विकास के लिए मंत्रियों का एक समूह गठित किया गया है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, थावर चंद गहलोत, जितेन्द्र सिंह, नरेंद्र तोमर और धर्मेंद्र प्रधान जीओएम का हिस्सा हैं. सूत्रों के अनुसार, जीओएम को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर के प्रस्तावित विकास पर एक खाका तैयार करने का काम सौंपा गया है.

रविशंकर प्रसाद के कानून मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, थावर चंद गहलोत के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, नरेंद्र तोमर के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ-साथ धर्मेंद्र प्रधान के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और इस्पात मंत्रालय को एक प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया है. इनमें से प्रत्येक विभाग जम्मू-कश्मीर के विकास में कैसे योगदान दे सकता है पर प्रस्ताव तैयार करना है. समूह को 31 अक्टूबर से पहले एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी. जीओएम की रिपोर्ट एक अन्य आर्थिक पैकेज का आधार हो सकती है, जो प्रधानमंत्री द्वारा घोषित किए जाने की उम्मीद है.

सूत्रों ने यह भी कहा कि जीओएम पहले ही दो बार मिल चुका है और युवाओं का कौशल विकास इस समूह के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक होगा. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करके जम्मू-कश्मीर की संवैधानिक स्थिति में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिकाओं का एक जिक्र किया. शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाएं अक्टूबर के पहले हफ्ते में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की जाएंगी.

सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने वाले राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली दलीलों के बैच पर केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को भी नोटिस जारी किए. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र से इस बात पर सहमति नहीं जताई कि इस मामले में नोटिस जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता अदालत में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे.

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