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भीमराव आंबेडकर नहीं, इस शख्स ने अपने हाथों से लिखा था संविधान, नहीं ली थी कोई भी फीस

नई दिल्ली। 26 जनवरी 1950 को विश्व के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक गणराज्य का संविधान लागू हुआ था। जब भी संविधान की बात आती है तो पहला नाम डॉ. भीमराव आंबेडकर का ही आता है। ज़्यादातर लोग यही समझते हैं कि भारतीय संविधान डॉ. भीमराव आंबेडकर ने ही लिखा है, उन्हें लोग भारतीय संविधान का निर्माता […]

Indian Constitution Writer
inkhbar News
  • Last Updated: January 26, 2023 10:13:53 IST

नई दिल्ली। 26 जनवरी 1950 को विश्व के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक गणराज्य का संविधान लागू हुआ था। जब भी संविधान की बात आती है तो पहला नाम डॉ. भीमराव आंबेडकर का ही आता है। ज़्यादातर लोग यही समझते हैं कि भारतीय संविधान डॉ. भीमराव आंबेडकर ने ही लिखा है, उन्हें लोग भारतीय संविधान का निर्माता भी बोलते है। डॉ. भीमराव आंबेडकर संविधान की ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष थे , इसी वजह से उन्हें संविधान का निर्माता भी कहा जाता है। लेकिन जहां तक बात है इसे लिखने की तो इसका क्रेडिट भीमराव आंबेडकर को नहीं है , बल्कि भारतीय संविधान को लिखने वाले शख्स प्रेम बिहारी नारायण रायजादा थे।उन्होंने अपने हाथ से इस देश की आत्मा यानी संविधान को लिखा था।

हाथों से बिना गलती के लिख था पूरा संविधान

प्रेम बिहारी नारायण रायजादा का जन्म वर्ष 1901 में हुआ था। ये बात आपको जानकर हैरानी होगी कि भारतीय संविधान के सारे दस्तावेज उन्होंने टाइपराइटर से नहीं, बल्कि अपने हाथों से बिना किसी गलती के लिखे थे। प्रेम बिहारी नारायण रायजादा के दादा रामप्रसाद अंग्रेजी और फारसी के मशहूर विद्वान भी थे।
उन्हीं से उन्होंने लिखने की कला भी सीखी थी और अपने माता पिता की मौत के बाद रायजादा ने अपने चार भाइयों की भी परवरिश की थी।

रायजादा ने नहीं ले कोई फीस

संविधान जब पूरी तरफ तैयार हो गया था उसके बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने प्रेम बिहारी नारायण रायजादा से मुलाकात की और उनसे संविधान को इटैलिक में लिखने को कहा था। इस काम को देने के बाद उन्होंने रायजादा से जब इस काम की फीस के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि मेरे पास ईश्वर का दिया हुआ सब कुछ है जो कुछ मुझे चाहिए , मैं सिर्फ इतना चाहता हूं कि संविधान के पेज पर अपना नाम व उसके अंतिम पृष्ठ पर अपने बाबा का नाम लिखूं और मुझे कुछ नहीं चाहिए।

303 निब होल्डर कलम और 254 बोतल स्याही का प्रयोग

सरकार ने प्रेम बिहारी रायजादा की नाम वाली इच्छा को मान लिया था। बता दें ,संविधान लिखने के लिए हाथ से बने हुए कागज पुणे से मंगवाए गए थे। संविधान लिखने के लिए रायजादा ने 303 निब होल्‍डर कलम और 254 बोतल स्‍याही का प्रयोग किया था। रायजादा ने 6 महीने में इसे लिखकर दे दिया था।

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