Pahalgam Attack: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधु जल संधि के निलंबन पर अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि अब भारत का हक का पानी देश के भीतर रहेगा और इसका उपयोग भारत की प्रगति के लिए होगा. यह बयान पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार द्वारा 1960 की ऐतिहासिक सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले के बाद आया है.
एक निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा पहले भारत के हक का पानी भी बाहर जा रहा था. अब भारत का पानी, भारत के हक में बहेगा, भारत के हक में रुकेगा और भारत के ही काम आएगा.’ यह बयान भारत की नई जल नीति और पाकिस्तान के प्रति कठोर कूटनीतिक रुख को दर्शाता है. पहलगाम में हुए आतंकी हमले जिसमें 26 नागरिकों की जान गई. जिसके बाद भारत ने यह कड़ा कदम उठाया. इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से जोड़ा गया. जिसके जवाब में भारत ने संधि को निलंबित करने का ऐलान किया.
विश्व बैंक की मध्यस्थता में 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच जल बंटवारे का आधार रही है. यह पहली बार है जब भारत ने इस संधि के कार्यान्वयन को आधिकारिक तौर पर रोका है. सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने यह निर्णय लिया कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता तब तक निलंबन प्रभावी रहेगा. यह कदम भारत के कूटनीतिक दृष्टिकोण में बड़े बदलाव का संकेत है जो अब तक संधि को बनाए रखने के पक्ष में रहा था.
पीएम मोदी ने पिछली सरकारों की नीतियों पर तंज कसते हुए कहा एक समय था जब कोई भी जरूरी कदम उठाने से पहले लोग सोचते थे कि दुनिया क्या सोचेगी. वे सोचते थे कि उन्हें वोट मिलेगा या नहीं उनकी सीट सुरक्षित रहेगी या नहीं. इन कारणों से बड़े सुधारों में देरी हुई. कोई भी देश इस तरह आगे नहीं बढ़ सकता. देश तभी आगे बढ़ता है जब हम राष्ट्र को सबसे पहले रखते हैं. यह बयान उनकी सरकार के निर्णायक रुख को रेखांकित करता है.