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जम्मू के हिंदुओं का दिल जीतने में जुटे उमर अब्दुल्ला, उठाया ये बड़ा कदम

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने खुद दरबार मूव परंपरा को फिर से शुरू करने की जानकारी दी है। सीएम उमर ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि जम्मू का अपना एक महत्व है और हम इसकी विशिष्ट पहचान को खत्म नहीं होने देंगे।

Omar Abdullah
inkhbar News
  • Last Updated: December 11, 2024 21:02:26 IST

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने के बाद उमर अब्दुल्ला अब हिंदुओं का दिल जीतने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इस बीच उमर अब्दुल्ला सरकार ने ऐसा फैसला लिया है, जिससे जम्मू के हिंदू खुशी से झूम सकते हैं। दरअसल, अब्दुल्ला सरकार 150 साल से भी ज्यादा पुरानी दरबार मूव परंपरा को फिर से लाने जा रही है।

सीएम उमर ने दी जानकारी

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने खुद दरबार मूव परंपरा को फिर से शुरू करने की जानकारी दी है। सीएम उमर ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि जम्मू का अपना एक महत्व है और हम इसकी विशिष्ट पहचान को खत्म नहीं होने देंगे।

घोषणा पत्र में वादा किया था

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे नहीं समझ आ रहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान बाकी पार्टियों ने यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया। हमने तो अपनी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणा पत्र में दरबार मूव को वापस लाने का मुद्दा शामिल किया था।

2021 में खत्म हुई थी परंपरा

बता दें कि दरबार मूव परंपरा 152 साल पुरानी है। 1872 में जम्मू-कश्मीर के डोगरा राजवंश के महाराजा रणबीर सिंह ने इस परंपरा की शुरूआत की थी। हालांकि साल 2021 में उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस परंपरा को खत्म कर दिया था।

क्या है दरबार मूव परंपरा?

दरबार मूव परंपरा के तहत गर्मियों में जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर रहती है. इसके बाद सर्दियों में राजधानी को जम्मू में शिफ्ट कर दिया जाता है। ऐसा सर्दी और गर्मी से बचने के लिए किया जाता है। राजधानी के ट्रांसफर होते रहने से श्रीनगर और जम्मू दोनों जगहों पर 6-6 महीने व्यापार काफी तेजी से होता रहता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मानें तो उमर अब्दुल्ला सरकार जल्द ही राजधानी शिफ्ट करने को लेकर आधिकारिक रूप से फैसला ले सकती है। सीएम अब्दुल्ला की कोशिश है कि कश्मीर के साथ-साथ जम्मू के लोगों को भी साधकर चला जाए। बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में जम्मू में उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहा था।

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