आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी,
सोमवार रात भारत-चीन सीमा पर हुए बवाल के बाद आज बुधवार को आपकी हमले पर पहली प्रतिक्रिया देखने को मिली. आपने कहा जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी. जानी भी नहीं चाहिए. आखिरकार उन्होंने हमारे देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए सर्वोच्य बलिदान दिया है. लेकिन मेरा सवाल आपसे ये है कि पुलवामा हमले के बाद भी आपने यही कहा था कि सीआरपीएफ के हमारे 40 जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगा लेकिन इस बात के 14 महीने बीत चुके हैं मगर देश को अबतक नहीं पता कि इतनी मौतों का जिम्मेदार कौन है?
पुलवामा हमले के इतने समय बाद अभी तक पता नहीं चला कि 300 किलो आरडीएक्स कहां से आया और किस नेटवर्क के जरिए आया? कौन कौन शामिल था? किसने आतंकियों को ये सूचना दी कि सीआरपीएफ के इतने ट्रक किस वक्त किस रास्ते से गुजरेंगे? कौन था जिसने गद्दारी की और उसकी उसे क्या सजा मिली. किसी भी घटना के बाद कहा जाता है कि उच्चस्तरीय जांच होगी लेकिन वो रिपोर्ट कभी सामने नहीं आती ऐसा क्यों?
भारत-चीन सीमा विवाद के दौरान हुए हमले की ही बात करते हैं, कहा जा रहा है कि गोली नहीं चली, लाठी-डंडों से हमला हुआ तो क्या लाठी-डंडों से हुए हमले में ही 20 जवान शहीद हो गए? इतनी बड़ी तादात में जब चीनी सैनिक हमारे खेमें में आ रहे थे तो कोई अलर्ट क्यों नहीं मिला? कौन जिम्मेदार है? हमारी ओर से क्या गलती हुई क्या ये जानना देश का हक नहीं है? अगर है तो सरकार उस रात क्या हुआ, कैसे हुआ, क्यों हुआ ये जनता को क्यों नहीं बताती है?
गलवान घाटी में सोमवार को हुई घटना की खबरें छन-छनकर आ रही हैं. मीडिया को भी टुकड़ों में जानकारी दी जा रही है, ऐसा क्यों? सरकार साफ-साफ क्यों नहीं बता रही कि हमारे कितने जवान शहीद हुए, कितने घायल हैं और कितने चीन के कब्जे में है. आशा करता हैं आप इस चिट्ठी को पढ़ेंगे और हमारे साथ-साथ देश को इन सवालों के जवाब देंगे.
धन्यवाद
सादर
अतुल गुप्ता