Operation Sindhu: ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते सैन्य टकराव के बीच भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंधु के तहत अब तक 827 भारतीय नागरिकों को ईरान से सुरक्षित वापस स्वदेश लाया गया है। यह जानकारी शनिवार को विदेश मंत्रालय (MEA) ने दी। ऑपरेशन की प्रगति को साझा करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार देर रात और शनिवार सुबह कई विशेष उड़ानों से भारतीय नागरिकों को नई दिल्ली लाया गया। इनमें छात्र, धार्मिक तीर्थयात्री और अन्य भारतीय नागरिक शामिल थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि 20 जून की रात 11:30 बजे एक चार्टर्ड फ्लाइट से 290 भारतीय नागरिक नई दिल्ली पहुंचे। यह फ्लाइट ईरान से रवाना हुई थी। इसके बाद 21 जून को तड़के 3 बजे तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात से एक और फ्लाइट ईरान से निकाले गए 227 भारतीय नागरिकों को लेकर नई दिल्ली पहुंची। 21 जून को शाम 4.30 बजे ईरान के मशहद से एक और फ्लाइट भी 310 भारतीय नागरिकों को लेकर दिल्ली पहुंची। इस तरह अब तक 827 नागरिकों को सफलतापूर्वक वापस लाया जा चुका है।
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भारत नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी वापस लाएगा
विदेश मंत्रालय ने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट पर इन नागरिकों का स्वागत करने के लिए खुद विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह मौजूद थे। वापस लौटे कई नागरिकों ने बताया कि किस तरह उन्हें संघर्ष क्षेत्र से सुरक्षित निकाला गया और भारत पहुंचाया गया। इसके अलावा तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि भारत सरकार की इस निकासी प्रक्रिया में ईरान में फंसे नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी शामिल किया जाएगा। यह कदम इन देशों के अनुरोध पर उठाया जाएगा।
भारत ने ईरान सरकार को धन्यवाद दिया
प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने निकासी प्रक्रिया में सहयोग के लिए ईरान सरकार को धन्यवाद दिया और कहा, भारत ईरान सरकार के सहयोग के लिए आभारी है, जिसने इस पूरे अभियान में सुविधाएं प्रदान कीं।
ऑपरेशन सिंधु क्या है?
ऑपरेशन सिंधु भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक निकासी अभियान है, जिसका उद्देश्य ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित देश वापस लाना है। भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर 19 जून 2025 को ऑपरेशन सिंधु की शुरुआत की है। यह ऑपरेशन ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव और संभावित खतरों को देखते हुए शुरू किया गया है। ईरान में रह रहे हजारों भारतीयों ने सरकार से अनुरोध किया था कि उन्हें जल्द से जल्द निकाला जाए क्योंकि युद्ध के बाद से हालात गंभीर होते जा रहे हैं।