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रूल नंबर 267 और 176 को लेकर फंसे विपक्ष-सरकार, संसद में मणिपुर पर इसलिए नहीं हो रही चर्चा

नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा को लेकर संसद के मानसून सत्र में भारी हंगामा देखने को मिल रहा है. एक ओर जहां विपक्षी दलों के सांसद कह रहे हैं कि सरकार मणिपुर को लेकर सदन में चर्चा नहीं करना चाहती है. वहीं, सरकार का कहना है कि विपक्ष चर्चा से भाग रहा है. इन सभी आरोपों-प्रत्यारोपों […]

Manipur Violence
inkhbar News
  • Last Updated: July 25, 2023 08:09:18 IST

नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा को लेकर संसद के मानसून सत्र में भारी हंगामा देखने को मिल रहा है. एक ओर जहां विपक्षी दलों के सांसद कह रहे हैं कि सरकार मणिपुर को लेकर सदन में चर्चा नहीं करना चाहती है. वहीं, सरकार का कहना है कि विपक्ष चर्चा से भाग रहा है. इन सभी आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच आइए जानते हैं कि मणिपुर में ढाई महीने से जारी हिंसा पर संसद में बहस क्यों नहीं हो पा रही है? सदन में इस संवेदनशील मामले पर चर्चा ना होने के पीछे का कारण क्या है…

रूल को लेकर फंसा है पेंच

बता दें कि विपक्ष और सरकार के बीच रूल को लेकर पेंच फंसा है. जहां विपक्ष चाहता है कि रूल नंबर 267 के तहत सदन में मणिपुर को लेकर चर्चा हो. वहीं सरकार चाहती है कि रूल नंबर 176 के तहत संसद में मणिपुर पर बहस हो. विपक्षी पार्टियों ने मणिपुर पर चर्चा को को लेकर दोनों सदनों (लोकसभा-राज्यसभा) को नोटिस दिया है. लोकसभा में विपक्ष रूल नंबर 193 के तहत चर्चा करना चाहता है, जिसपर सरकार मान भी गई है. इसलिए निचले सदन में कोई झगड़ा नहीं है. असली लड़ाई राज्यसभा में है. जहां रूल नंबर 176 और 267 को लेकर पेंच फंसा हुआ है.

रूल 176 और 267 समझें

विपक्षी पार्टियां राज्यसभा में रूल नंबर 267 के तहत लंबी चर्चा की मांग कर रही है. वहीं, सरकार का कहना है कि नियम 176 के तहत छोटी चर्चा ही हो सकती है. इसी बात को लेकर संसद के उच्च सदन में विपक्ष और सत्तापक्ष के बी संघर्ष देखने को मिल रहा है. गौरतलब है कि, राज्यसभा की रूल बुक में पेज 92 में नियम 267 के बारे में बताया गया है. जिसमें कहा गया है कि उच्च सदन का कोई भी सदस्य सूचीबद्ध एजेंडे को रोकते हुए किसी सार्वजनिक मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दे सकता है. वहीं, रूल नंबर 176 किसी विशेष मुद्दे पर सिर्फ अल्पकालिक चर्चा की ही अनुमति प्रदान करता है.