आज गुरमीत राम रहीम के कई राज खुलकर दुनिया के सामने आने वाले हैं, अदालत के आदेश पर डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय में सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया है.
जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए शुक्रवार को होने वाली वोटिंग से पहले जब बुधवार की रात प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई तो एक अनोखी चीज नजर आई. मंच के सामने स्टुडेंट्स संगठनों ने जो मोर्चेबंदी कर रखी थी उसमें लेफ्ट वालों राइट साइड में और राइट वाले लेफ्ट साइड में नजर आए.
रक्षा मंत्री और गृह मंत्री के सामने आज DRDO और कुछ दूसरी प्राइवेट कंपनियों की साझा कोशिश से कई तरह के ऐसे हथियार सामने लाए गए. जिन्हें अर्धसैनिक बलों के बेड़े में शामिल किया जाना है. हम आपको एक-एक कर ऐसे हथियारों के बारे में दिखा रहे हैं जिसे भाभा कवच कहा जा रहा है.
डेरा सच्चा सौदा में राम रहीम के गुनाहों के सबूतों को मिटाने के लिए उनके समर्थकों को आज का एक दिन और मिल गया. कल यानि शुक्रवार सुबह से ADGP की अगुवाई में बनी कमेटी जिसमें एक IAS और तीन IPS अधिकारियो के साथ 40 स्वात कमांडो, पैरामिलिट्री फोर्स की 41 कंपनियां और बैंक कर्मचारी की टीम डेरे में दाखिल होगी.
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को होने जा रहे छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए कुल 6 कैंडिडेट मैदान में हैं जिनमें 5 लड़कियां हैं जबकि 1 लड़का. 5 लड़कियां अलग-अलग संगठनों की तरफ से चुनाव लड़ रही हैं जबकि एकमात्र लड़का निर्दलीय है.
चुनाव आयोग ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वो मतों की गिनती सामूहिक रूप से कराने के पक्ष में है. यह इसलिए जरूरी है कि यह पता न चल सके कि किन बूथ या वार्ड में लोगों ने वोट दिया या किसने नहीं दिया
राम रहीम के सिरसा डेरे में सर्च ऑपरेशन के लिए निगरानी जज समेत पूरी टीम पहुंच चुकी है. छानबीन का काम कल से शुरू हो रहा है. हाईकोर्ट की तरफ से जिस कोर्ट कमिश्नर की देखरेख में सर्च ऑपरेशन चलेगा वो आज सिरसा पहुंचे. उन्होंने एसपी और दूसरे अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की.
जेएनयू में शुक्रवार को छात्र संघ चुनाव से पहले बुधवार की रात प्रेसिडेंशियल डिबेट में अध्यक्ष पद के 6 कैंडिडेंट्स ने जमकर बहस की. रात भर चली बहस के दौरान तेज बारिश में भींगकर भी स्टुडेंट्स छात्र नेताओं की बहस सुनने डटे रहे.
पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है. गौरी लंकेश के भाई इंद्रजीत लंकेश ने कहा है कि हत्याकांड की जांच नक्सल एंगल से भी करनी चाहिए क्योंकि गौरी लंकेश नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए काम कर रही थी. इसके लिए वो कर्नाटक सरकार के संपर्क में भी थीं.
बहुचर्चित आरुषि-हेमराज मर्डर मामले की इलाहाबाद हाई कोर्ट 12 अक्टूबर को फैसला सुनाएगा. बुधवार को कोर्ट ने बहस पूरी होने बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया है. बता दें कि साल 2008 में आरुषि-हेमराज हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट ने आरुषि के माता-पिता नूपुर और राजेश तलवार को दोषी करार दे चुकी है