पहलगाम आंतकी हमले के बाद पूरा देश मोदी सरकार से हिसाब मांग रहा है और पूछ रहा है कि जिन आतंकियों ने 26 निर्दोषों की जान ली और जिसने उन्हें ऐसे जघन्य कांड करने के लिए उकसाया उनके साथ हिसाब कब बराबर होगा.कार्रवाई के लिए बढ़ते दबाव के बीच मोदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ 1960 से चली आ रही सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है.

बेशक तत्काल इसका ज्यादा असर न दिखे लेकिन भारत ने जिस तरह से पानी रोकने के लिए तीन चरणों में प्लान तैयार किया है उसका असर यह होगा कि पाकिस्तान एक एक बूंद के लिए तरसेगा. इस फैसले को लागू करने के लिए तय किया गया है कि सिंधु बेसिन नदियों के किनारे बांधों की क्षमता बढ़ाई जाएगी, जिसमें ज्यादा से ज्यादा पानी रोकने की क्षमता बढ़े. इसे तीन चरणों में लागू किया जाएगा.

जलशक्ति मंत्री बोले 3 चरणों का प्लान तैयार

जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल के मुताबिक पाकिस्तान का पानी रोकने के लिए तीन चरणों का प्लान तैयार किया गया है. कुछ तुरंत लागू होंगे जबकि कुछ मिड टर्म और कुछ लॉन्ग टर्म में लागू होंगे. मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत से पाकिस्तान को एक बूंद भी पानी न जाए, इसकी पूरी व्यवस्था की जाएगी. सरकार बांधों की क्षमता बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करेगी और गाद हटाकर अधिक पानी को संग्रहित किया जाएगा.

पाकिस्तान को नहीं मिलेगा एक बूंद पानी

भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ साथ विश्व बैंक को भी यह जानकारी दे दी है जिसने यह संधि कराई थी. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और जलशक्ति मंत्री सीआर. पाटिल के बीच अहम बैठक भी हुई जिसमें किस उपाय को कब लागू किया जाए, इस पर चर्चा हुई. जलशक्ति मंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर बताया है कि मोदी सरकार का सिंधु जल संधि पर लिया गया ऐतिहासिक निर्णय पूर्णतः न्यायसंगत और राष्ट्रहित में है. हम देखेंगे कि पाकिस्तान में सिंधु नदी का एक बूंद भी पानी न जाए. आपको बता दें कि संधि के निलंबित होने के बाद भारत, पाकिस्तान से परामर्श के बिना नदी पर बांध बनाने के लिए स्वतंत्र हो गया है.

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