Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • फिर भिखारी बना पाकिस्तान! चीन के सामने हाथ फैलाकर कहा- मदद नहीं की तो मच जाएगा हाहाकार

फिर भिखारी बना पाकिस्तान! चीन के सामने हाथ फैलाकर कहा- मदद नहीं की तो मच जाएगा हाहाकार

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का असर पड़ोसी देश पाकिस्तान में साफ दिखने लगा है। इस आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने दोस्त चीन को पुकारा है।

pakistan finance minister image
inkhbar News
  • Last Updated: April 27, 2025 17:07:11 IST

Pahalgam terror attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का असर पड़ोसी देश पाकिस्तान में साफ दिखने लगा है। इस आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने दोस्त चीन को पुकारा है। पाकिस्तान ने चीन से अपनी मौजूदा स्वैप लाइन को 10 अरब युआन तक बढ़ाने की अपील की है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के एक्शन के बाद से पाकिस्तान चीन के सामने गिड़गिड़ाता हुआ नजर आ रहा है।

वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब का बयान

पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने एक साक्षात्कार में खुलासा करते हुए कहा है कि पाकिस्तान ने चीन से अपनी मौजूदा स्वैप लाइन को 10 अरब युआन तक बढ़ाने का आग्रह किया है। अमेरिका के वॉशिंगटन में दिए गए इस साक्षात्कार के दौरान वित्त मंत्री ने यह भी कहा है कि हम साल 2025 के अंत से पहले पांडा बांड लॉन्च करने वाले हैं।

पाक के पास 30 अरब युआन की स्वैप लाइन

पाकिस्तान के पास पहले से ही 30 अरब युआन की स्वैप लाइन मौजूद है। इस अनुरोध का उद्देश्य इसे 40 अरब युआन तक बढ़ाना है। औरंगजेब ने कहा कि इसमें 10 अरब युआन करीब 1.4 अरब डॉलर या 11,951 करोड़ रुपये का इजाफा एक अच्छी स्थिति होगी। पाकिस्तानी करेंसी रुपया में ये रकम 39,333 करोड़ पीकेआर के आस-पास बैठती है। तमाम देशों के केंद्रीय बैंकों के बीच अपनी करेंसियों की अदला-बदली करने के लिए किए गए करार को स्वैप लाइन कहा जाता है। चीन का केंद्रीय बैंक चाइनीज सेंट्रल बैंक अर्जेंटीना और श्रीलंका जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ मुद्रा स्वैप लाइनों को बढ़ावा दे रहा है।

मुद्रा पर दबाव नहीं कोई

करेंसी स्वैप लाइन दो देशों के केंद्रीय बैंकों के बीच एक ऐसा एग्रीमेंट होता है, जिसमें समें वे अपनी मुद्राओं का विनिमय करते हैं ताकि एक-दूसरे को विदेशी मुद्रा तरलता उपलब्ध कराई जा सके।है। यह फाइनेंशियल क्राइसेस या तनाव की स्थिति में उपयोगी साबित होने वाला है। मतलब आपात स्थिति में जब बाजार दबाव में होते हैं, तो ये एग्रीमेंट उन्हें स्थिर करने में मददगार होता है। इससे बैंकों को आश्वस्त किया जाता है कि किसी विशेष मुद्रा पर कोई दबाव नहीं होगा। स्वैप लाइन बड़ी मात्रा में नकदी उपलब्ध रखती हैं।

पाकिस्तान पांडा बॉन्ड लॉन्च करेगा

पाकिस्तान के वित्त मंत्री औरंगजेब ने उम्मीद जताते हुए कहा है कि पाकिस्तान साल के अंत से पहले पांडा बॉंड लॉन्च करने जा रहा है। वित्त मंत्री औरंगजेब ने बताया कि हम अपने ऋण आधार में विविधता लाना चाहते हैं। हमने इस दिशा में कुछ अच्छी प्रगति की है। पांडा बॉंड चीनी रेनमिनबी में अंकित बॉंड होता है। जिन्हें चीन के घरेलू बॉंड मार्केट में विदेशी संस्थाओं द्वारा जारी किया जाता है। इन संस्थाओं में विदेशी कंपनियां, सरकारें या वित्तीय संस्थान भी शामिल हो सकते हैं।

पांडा चीन का राष्ट्रीय प्रतीक

अगर सरल शब्दों में कहा जाए तो पांडा बॉंड चीन में विदेशी संस्थाओं की ओर से युआन में कर्ज हासिल करने का जरिया हैं। इसे पांडा नाम इसलिए दिया गया है, क्योंकि पांडा चीन का राष्ट्रीय प्रतीक है। यह बॉंड जारी कर विदेशी कंपनियों को चीन के पूंजी बाजार से धन जुटाने का मौका मिलता है।

पहलगाम हमले के बाद का रूख

इस साक्षात्कार के दौरान जब पाकिस्तान केवित्त मंत्री से पहलगाम आतंकी हमले में पर्यटकों की हत्या किए जाने और इसके बाद भारत के साथ तनाव से आर्थिक नतीजों के बारे में पूछा गया तो औरंगजेब ने कहा कि इस हमले के बाद भारत ने कश्मीर में आतंकवाद को वित्तपोषित करने और प्रोत्साहित करने का पाकिस्तान पर आरोप लगाया गया है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर दोनों देश अपना दावा करते हैं और जिसके लिए दोनों देशों के बीच दो युद्ध भी हो चुके हैं।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री औरंगजेब ने कहा कि इस पहलगाम घटना के बाद दोनों देशों की ओर से कदम उठाए गए हैं, जिसमें पाकिस्तान ने भारतीय एयरलाइनों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया और व्यापार संबंधों को निलंबित किया है। भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को सस्पेंड करने के साथ ही अटारी बॉर्डर बंद कर दिया है। औरंगजेब ने कहा कि पिछले कुछ कूटनीतिक तनावों के कारण दोनों देशों के बीच व्यापार पहले ही कम होकर पिछले वर्ष सिर्फ 1.2 अरब डॉलर का रह गया था।

Also Read: पहलगाम हमले के बाद भारत का बड़ा फैसला, विदेश मंत्री जयशंकर और NSA डोभाल नहीं होंगे BRICS बैठक में शामिल!