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पाकिस्तान की आतंकी साजिश बेनकाब, PM मोदी ने विदेश दौरे से लौटे प्रतिनिधिमंडल से की मुलाकात

नई दिल्ली में उन सात अखिल भारतीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात की. जो हाल ही में 33 देशों की यात्रा कर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को वैश्विक मंच पर रखकर लौटे हैं. पीएम मोदी ने 10 जून को सभी सात प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की. जिसमें उन्होंने उनकी यात्रा की रिपोर्ट्स की समीक्षा की. इस मुलाकात से पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर को भाजपा नेता बैजयंत 'जय' पांडा के नेतृत्व वाले पहले दल ने अपनी रिपोर्ट सौंपी.

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  • Last Updated: June 10, 2025 20:54:02 IST

Operation Sindoor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 जून 2025 को नई दिल्ली में उन सात अखिल भारतीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात की. जो हाल ही में 33 देशों की यात्रा कर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को वैश्विक मंच पर रखकर लौटे हैं. यह कदम 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया. जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई थी. भारत ने इस हमले का जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 6 और 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमलों से दिया. जिसने पाकिस्तान को 10 मई को युद्धविराम की गुहार लगाने पर मजबूर कर दिया.

आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन

59 सांसदों और पूर्व राजनयिकों के इन प्रतिनिधिमंडलों ने सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया, जापान, फ्रांस और अमेरिका सहित 33 देशों में भारत की ‘शून्य सहिष्णुता’ नीति को स्पष्ट किया. विदेश सचिव विक्रम मिश्री द्वारा ब्रीफ किए गए इन नेताओं ने पाकिस्तान की दोहरी नीति को उजागर किया. उन्होंने सबूत पेश किए जैसे पाकिस्तानी सेना के जनरल का ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों के जनाजे में शामिल होना और 9/11 के आरोपी ओसामा बिन लादेन का एबटाबाद में मिलना. प्रतिनिधिमंडलों ने भारत की शांति पहलों के बावजूद पाकिस्तान द्वारा बार-बार हमलों को अंजाम देने की सच्चाई भी दुनिया के सामने रखी.

पीएम मोदी की मुलाकात

पीएम मोदी ने 10 जून को सभी सात प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की. जिसमें उन्होंने उनकी यात्रा की रिपोर्ट्स की समीक्षा की. इस मुलाकात से पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर को भाजपा नेता बैजयंत ‘जय’ पांडा के नेतृत्व वाले पहले दल ने अपनी रिपोर्ट सौंपी. जिसमें सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया की यात्रा शामिल थी. इस दल में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, फंगनोन कोन्याक, रेखा शर्मा, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, सतनाम सिंह संधू, गुलाम नबी आजाद और पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला शामिल थे. पीएम ने इस पहल को उनकी सोच का हिस्सा बताया. जिसका मकसद वैश्विक समुदाय को भारत की आतंकवाद विरोधी नीति से अवगत कराना था.

वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की किरकिरी

प्रतिनिधिमंडलों ने न केवल पाकिस्तान के आतंकी गठजोड़ को बेनकाब किया बल्कि भारत की कूटनीतिक ताकत का भी प्रदर्शन किया. पेरिस में पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर ने कहा ‘पाकिस्तान एक सैन्य राज्य बन चुका है जो आतंकियों को परमाणु छतरी प्रदान करता है. पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि परमाणु ब्लैकमेल अब नहीं चलेगा.’ टोक्यो में तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा ‘अगर आतंकवाद एक पागल कुत्ता है तो पाकिस्तान उसका दुष्ट संरक्षक है. भारत डर के सामने नहीं झुकेगा.’

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