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भारत के पहले बजट का आधा हिस्सा पंडित नेहरू ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए दिया था!

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज शनिवार 1 फरवरी को मोदी 3.0 का पहला पूर्ण बजट पेश किया. यह सीतारमण का लगातार 8वां बजट है. इस बार का बजट लगभग 50 लाख करोड़ रुपये का है लेकिन क्या आपको पता है भारत का पहला बजट कितने करोड़ का था? उसमें सबसे ज्यादा बजट किस विभाग को दिया गया था.

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  • Last Updated: February 1, 2025 14:29:19 IST

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज शनिवार 1 फरवरी को मोदी 3.0 का पहला पूर्ण बजट पेश किया. यह सीतारमण का लगातार 8वां बजट है. इस बार का बजट लगभग 50 लाख करोड़ रुपये का है लेकिन क्या आपको पता है भारत का पहला बजट कितने करोड़ का था? उसमें सबसे ज्यादा बजट किस विभाग को दिया गया था.

आजाद भारत के पहले बजट में पाक की छाया

आजाद भारत का पहला केंद्रीय बजट 26 नवंबर 1947 को वित्त मंत्रीआर. के. शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के हाथ में काला ब्रीफकेस हुआ करता था, जिसे लेकर वित्त मंत्री बजट वाले दिन संसद पहुंचते थे. आजाद भारत का पहला बजट ₹197.29 करोड़ का था जिसमें 92.74 करोड़ रुपये यानी 46 % सिर्फ रक्षा सेवाओं पर खर्च करने के लिए आवंटित किया गया था. दरअसल यह वह दौर था जब भारत गोरी हुकूमत के शिकंजे से तो आजाद हो गया लेकिन विभाजन की विभिषिका और पाकिस्तान प्रायोजित खून खराबे से बेहद परेशान था.

पहले बजट में आधा हिस्सा डिफेंस का

15 अगस्त 1947 को भारत को आज़ादी मिली और ठीक तीन महीने बाद 26 नवंबर 1947 को आज़ाद भारत का पहला बजट पेश किया गया. यह बजट तत्कालीन वित्त मंत्री आर. के. शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था. यह एक अंतरिम बजट था, जो 31 मार्च 1948 तक साढ़े सात महीने की अवधि के लिए था. इस बजट में कुल अनुमानित व्यय ₹197.29 करोड़ था, जबकि राजस्व लक्ष्य ₹171.15 करोड़ का था. विशेष बात यह थी कि ₹92.74 करोड़, यानी कि लगभग 46%, रक्षा सेवाओं के लिए था, जो स्वतंत्रता के बाद की तात्कालिक प्राथमिकताओं को दर्शाता था.

1947 से 2025 में कितना आया अंतर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2025-26 के लिए 50 लाख करोड़ का बजट पेश कर दिया है यदि पाकिस्तान से तुलना करें तो उसका बजट भारत के बजट से काफी छोटा है. पिछले साल पाकिस्तान में 5.65 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था. दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने को बेकरार भारत ने अर्थव्यवस्था के बढ़ते आकार, बदलती वैश्विक स्थिति और बढ़ती जनसंख्या के मद्देनजर तैयार किया है जिसमें धीमी आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने, शिक्षा को गति देने, अन्नदाता की आर्थिक सेहत ठीक करने पर ध्यान दिया गया है. इस बार के बजट में किसान और मिडिल क्लास को केद्र में रखा गया है. वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

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