Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • Pegasus Spyware: पेगासस सुनवाई पर सुप्रीम का सवाल- अभी तक एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की?

Pegasus Spyware: पेगासस सुनवाई पर सुप्रीम का सवाल- अभी तक एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की?

Pegasus Spyware: पेगासस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस (CJI) ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से सवाल किया कि इस मामले मेंआईटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज क्यों नहीं करवाई गई है? सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि अगर आपको लगता है कि आपका फोन हैक हुआ है, तो फिर FIR दर्ज क्यों नहीं कराई?

Pegasus Spyware
inkhbar News
  • Last Updated: August 5, 2021 15:15:01 IST

नई दिल्ली. पेगासस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस (CJI) ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से सवाल किया कि इस मामले मेंआईटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज क्यों नहीं करवाई गई है? सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि अगर आपको लगता है कि आपका फोन हैक हुआ है, तो फिर FIR दर्ज क्यों नहीं कराई?

वरिष्ठ पत्रकार एन. राम की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि पेगासस जैसा सॉफ्टवेयर एक व्यक्ति की प्राइवेसी पर हमला है और संविधान के नियमों के खिलाफ है। सिर्फ एक फोन के दम पर कोई भी हमारी ज़िंदगी में घुस सकता है, सबकुछ देख-सुन सकता है। चीफ जस्टिस ने कहा कि न्यूज रिपोर्ट में जो बताया गया है अगर वो सच है तो ये आरोप काफी सीरियस हैं।

चीफ जस्टिस ने कहा कि ये मामला दो साल पहले आया था, अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है. ऐसे में याचिका में ठोस तरीके से तथ्यों को शामिल किया जाना चाहिए था। चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि अभी तक किसी ने भी इस मामले में आपराधिक शिकायत क्यों नहीं की, ये आईटी एक्ट के तहत की जा सकती थी।

कपिल सिब्बल की ओर से जानकारी दी गई कि कैलिफॉर्निया की कोर्ट में व्हाट्सएप ने केस दर्ज किया है. हमने उसका फैसला भी याचिका में दिया है, ये सॉफ्टवेयर सिर्फ सरकारों को दिया जा सकता है किसी प्राइवेट कंपनी को नहीं।

याचिकाकर्ता की ओर से कपिल सिब्बल ने मांग करते हुए कहा कि सरकार को जवाब देना चाहिए कि क्या उन्होंने ये सॉफ्टवेयर खरीदा और कहां पर इस्तेमाल किया। सरकार ने इस बात को माना है कि 121 स्पाइवेयर से प्रभावित यूज़र भारत में हैं. इस सॉफ्टवेयर को सिर्फ सरकारें ही खरीद सकती हैं, जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि एक राज्य सरकार भी सरकार ही है. कपिल सिब्बल ने कहा कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है, ऐसे में सरकार को जवाब देना चाहिए।

कोर्ट की ओर से इस दौरान एमएल शर्मा को फटकार भी लगाई गई, जिन्होंने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य व्यक्तिगत लोगों के खिलाफ याचिका दायर की थी। अदालत ने कहा कि वह कोई फायदा उठाने की कोशिश ना करें।

Olympic 2020: हॉकी में 41 साल बाद भारत ने जीता मेडल, जर्मनी को 5-4 से हराकर जीता कांस्य

Jammu Kashmir: आज ही के दिन हटा था आर्टिकल 370, 2019 में UAPA के तहत 1948 लोग हुए गिरफ्तार, सरकार ने दी जानकारी

Tags