नई दिल्ली: देश में बेरोजगारी वो मुद्दा है जिसपर हर कोई सवाल उठाता है लेकिन न इस मुद्दे का जवाब हमारे पास है और न ही समाधान। फरवरी 2023 में भारत की बेरोजगारी दर थोड़ी बढ़कर 7.45% हो गई। जनवरी 2023 की शुरुआत में यह 7.14% थी। इसके साथ ही देश में कुल बेरोजगारों की तादाद 3.3 करोड़ हो गई है। जनवरी में यह आँकड़ा 31.5 करोड़ था। इसका कारण ग्रामीण आबादी के बीच बेरोजगारी में तेज वृद्धि थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग द इंडियन इकोनॉमी का कहना है कि पिछले चार महीनों में इसमें गिरावट आई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत की श्रम भागीदारी दर पिछले महीने फरवरी में मामूली वृद्धि के साथ 39.92% हो गई। जनवरी 2023 की शुरुआत में, यह 39.8% पर था। इसके साथ सक्रिय जनसंख्या 440.8 मिलियन से बढ़कर 442.9 मिलियन हो गई। हालांकि, केवल 0.6 मिलियन लोगों को ही काम मिल पाया है, जबकि बाकी के 15 लाख लोग बेरोजगार रह गए। उनके अनुसार, यह बताता है कि फरवरी में बेरोजगारी दर क्यों बढ़ी।
खबरों की मानें तो ग्रामीण भारत में बेरोजगारी दर जनवरी में 6.48% से बढ़कर फरवरी में 7.23% हो गई। दूसरे शब्दों में, 2.3 मिलियन बेरोजगार ग्रामीण श्रम बल में शामिल हो गए हैं, जो हाल के महीनों की प्रवृत्ति को छोड़ देता है। सीएमआईई ने कहा कि फरवरी में बेरोजगारी दर में वृद्धि आश्चर्यजनक लगती है क्योंकि पिछले चार महीनों से ग्रामीण बेरोजगारी में कमी आ रही है।
शहरी बेरोजगारी दर जनवरी में 8.55% से गिरकर फरवरी में 7.93% हो गई। इससे पता चलता है कि फरवरी में बेरोजगारों की संख्या लगभग 0.73 मिलियन गिरकर 11.3 मिलियन हो गई। सीएमआईई के अनुसार, दिलचस्प बात यह है कि पिछले तीन महीनों में ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में बेरोजगारी दर में कमी आई है।
ऐसे में इन आँकडों से तो साफ़ पता चला है कि दिसंबर 2022 तक, शहरी भारत में बेरोजगारी दर ग्रामीण भारत में बेरोजगारी दर से 2.65% अधिक थी। यह अंतर जनवरी 2023 में 2.07 प्रतिशत अंक तक सीमित हो गया। और फरवरी में यह बड़ी गिरावट के साथ 0.7 प्रतिशत अंक तक सीमित हो गया।